*गन्ना किसानों से अपील है कि अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर का इनबॉक्स खाली रखें तथा अपने मोबाइल को चालू रखें।*
किसान अपने पंजीकृत नम्बर पर डी.एन.डी. सर्विस को एक्टिवेट न करायें, जिससे एस. एम. एस. पर्ची मोबाइल पर उन्हें रियल टाइम में प्राप्त हो सके।
कृषक बंधु अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर की जाँच कर लें अगर मोबाइल नंबर गलत है, तो उसे गन्ना समिति के माध्यम से अथवा E-ganna
E-ganna एप के द्वारा स्वयं अपडेट कर लें।
जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि आसन्न पेराई सत्र 2021-22 में कृषकों को गन्ना पर्चियां केवल एसएमएस पर्ची के रूप में मोबाइल फोन पर प्रेषित की जायेंगी तथा क्रयकेन्द्रों पर प्रतिदिन होने वाली तौल की एक्नॉलेजमेन्ट शीट भी चस्पा की जायेगी, जिसके माध्यम से भी कृषक अपनी पर्ची के विषय में जान सकेंगे। इसलिए यह आवश्यक है कि ई.आर.पी. पर गन्ना कृषकों का सही मोबाइल नंबर पंजीकृत हो। इस हेतु उन्होंने गन्ना कृषकों से अपील की है कि वे ईआरपी पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर की जांच कर ले. यदि नम्बर गलत है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से अथवा E-ganna एप पर स्वयं अपना सही मोबाइल नंबर अपडेट कर ले।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि एसएमएस इनबॉक्स भरा होने, मोबाइल स्विच ऑफ होने एवं डी.एन.डी. एक्टिवेट होने की स्थिति में एसएमएस पर्ची का संदेश 24 घंटे के पश्चात स्वयं निरस्त हो जाता है जिसके कारण गन्ना किसान को अपनी पर्ची की जानकारी नहीं प्राप्त हो सकेगी। इसलिए सभी किसान भाई ससमय अपनी पर्ची प्राप्त करने हेतु अपना मोबाइल इनबॉक्स खाली रखें तथा मोबाइल को चार्ज करके चालू दशा में रखें तथा डी.एन.डी. को एक्टिवेट न करें ताकि सर्वर द्वारा प्रेषित पर्ची उनके मोबाइल पर उन्हें रियल टाइम में प्राप्त हो जाए। पर्ची निर्गमन की वर्तमान व्यवस्था पूर्णतयाः पारदर्शी है। किसान के मोबाइल नंबर पर एसएमएस पर्ची भेजे जाने से किसान को तत्काल पर्ची प्राप्त होगी और समय से पर्ची मिल जाने के कारण ताजा गन्ना मिल को आपूर्ति होगा जिससे किसान गन्ने की सूख से होने वाली हानि से भी बच पाएंगे।
जिला गन्ना अधिकारी ने अपने अधिनस्थों को भी निर्देशित किया कि वह इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए एक अभियान चलाकर सभी गन्ना किसानों के सही मोबाइल नंबर अपडेट कराना सुनिश्चित करें ताकि कृषकों को गन्ना आपूर्ति में कोई असुविधा न हो।