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बक्सवाहा में हीरा खनन पर हाईकोर्ट का बड़ा कदम, मांगा स्पष्टीकरण
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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने बक्सवाहा के जंगल में खनन से पुरातात्विक संपदा नष्ट होने की आशंका के मामले में पुरातत्व विभाग, केन्द्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने सोमवार को याचिका की सुनवाई के बाद सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट ने पुरातत्व विभाग, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से यह जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि बक्सवाहा के जंगल में पुरातत्व विभाग जबलपुर ने 10 से 12 जुलाई के बीच किए गए सर्वे में पाषाण युग की रॉक पेटिंग पाई है। अधिवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने तर्क दिया कि इसके अलावा चंदेल और कल्चुरी युग की मूर्तियां और स्तम्भ भी मिले हैं। इन सभी पुरातात्विक संपदाओं को संरक्षित करने के लिए याचिका में बक्सवाहा में हीरा खनन पर रोक लगाने की मांग की गई । इस मामले में एस्सेल कंपनी की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर कर दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से हस्तक्षेप याचिका पर जवाब के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश दिए कि एस्सेल कंपनी संबंधित पक्षों को तीन दिन के भीतर हस्तक्षेप याचिका की कॉपी प्रदान करे।


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