शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने से रौनक वापिस लौट आयी है . एक लंबे अंतराल के बाद प्रदेश में स्कूल खोले गए हैं . हालांकि, स्कूल प्रबंधन को सुनिश्चित करना होगा कि, सभी बच्चे और अध्यापक कोरोना कोरोना नियमों का पालन करें . राजधानी शिमला के स्कूलों में भी विद्यार्थीयों के चेहरे पर भी स्कूल खुलने की अलग ही खुशी देखी गयी .सोमवार को सुबह सभी स्कूलों में करोना नियमों के अनुरूप ही छात्रों को कक्षा में एंट्री दी गई. सभी विद्यार्थियों को कोविड नियमों का बखुबी पालन करना होगा, जिसमें सामाजिक दूरी, मास्क का सही प्रयोग, हाथों की की सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा .इस संबंध में जब संजौली स्कूल के मॉर्निंग शिफ्ट के इंचार्ज कल्पना पटियाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सुबह 8:30 बजे स्कूल खुला . उन्होने बताया कि , सरकार के निर्देशों के अनुसार हफ्ते के पहले 3 दिन दसवीं के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा और उसके अगले 3 दिन नौवीं कक्षा के बच्चों की क्लास लगेगी .उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए एक कक्षा में दो सेक्शन बनाए गए हैं जो अलग-अलग कमरों में शिक्षा ग्रहण करेंगे, जिससे सामाजिक दूरी बनी रहे .कल्पना पटियाल ने बताया कि, पहले दिन 50 फ़ीसदी छात्र ही स्कूल में आए हैं .उन्होने उम्मीद जताई की आने वाले दिनों में और विद्यार्थी भी स्कूल आएंगे.गौरतलब है कि, शिक्षा विभाग ने अपने आदेशों में कहा है कि जिन शिक्षण संस्थानों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं होगा तो उन पर कड़ी कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी. प्रधानाचार्यों को साफ कहा गया है कि, स्कूल और कॉलेजों में साफ-सफाई समेत सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए. छात्रों को कोरोना संक्रमण से बचाव समेत सोशल डिस्टेंसिंग का भी पाठ पढ़ाया जाए ताकि वे जागरूक हों और उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके. प्रिंसिपल्स को इस दिशा में कार्य करना होगा, अगर लापरवाही बरती गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.शिमला से प्रदीप कुमार की रिपोर्ट 151109037