खमनोर. टांटोल क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य गांव चांदनिया में रविवार अलसुबह एक शिक्षक का परिवार नींद की आगोश में था, तभी काल बनकर घर में घुसे जहरीले सांप ने बेटे-बेटी को डस लिया। दोनों को नाथद्वारा चिकित्सालय में भर्ती कराया लेकिन उपचार के दौरान एक के बाद एक दोनों की मौत हो गई।
ये दुखद घटना चांदनिया गांव में रहने वाले शिक्षक शिवलाल गमेती के घर में हुई। शिवलाल, उसकी पत्नी व बच्चे शनिवार रात खाना खाकर सो गए। अलसुबह करीब 4 बजे जब सभी नींद गहरी नींद में थे, तभी घर में घुस आए एक सांप ने चारपाई पर सो रहे शिक्षक के बेटे सुरेश (7) व बेटी पूजा (9) को डस लिया। सांप के डसते ही दोनों की नींद खुल गई। बच्चों ने अपने माता-पिता को जगाया। बेटी ने सांप को भी देखा, मगर पलक झपकते ही गायब हो गया। बताया गया कि सुबह होने से पहले झाड़-फूंक के चक्कर में बच्चों को अस्पताल इलाज के लिए ले जाने में देरी हो गई। अज्ञानतावश सर्पदंश के प्राथमिक इलाज का तरीका भी काम में नहीं ले पाए और अस्पताल ले जाने से पहले ही मुंह से झाग निकलने लगे। सर्पदंश का शिकार दोनों बच्चे बेसुध हो गए। करीब 6 बजे नाथद्वारा अस्पताल के लिए लेकर रवाना हुए, जहां पहुंचकर उन्हें भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान बेटे सुरेश की सुबह करीब 11 बजे, जबकि बेटी की शाम करीब 4 बजे मौत हो गई। घटना से शिक्षक के परिवार ही नहीं, पूरी बस्ती में शोक की लहर छा गई। सोई की भागल स्कूल में कार्यरत शिक्षक शिवलाल का बेटा उनके साथ ही स्कूल जाता था, जबकि बेटी घर से थोड़ी दूर बस्ती में ही संचालित चांदनिया स्कूल में पढ़ रही थी।
जंगल में बस्ती, जीव-जंतुओं का खतरा
चांदनिया में शत-प्रतिशत आबादी आदिवासी परिवारों की है। बारिश का मौसम होने व आसपास की पहाडिय़ों पर घनी हरियाली छाई हुई होने से जीव-जंतुओं के भी बसेरे हैं। यहां बसे आदिवासी परिवारों को सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीवों का ज्यादा खतरा है। घर में घुस आए सांप के बच्चों को डसने की घटना से लोग दहशत में है।