केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के तहत आज भारत बंद है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुलाए गए भारत बंद का राजस्थान ( Bharat Band In Rajasthan ) में भी मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। ख़ास बात ये है कि किसान संगठनों के साथ ही कांग्रेस पार्टी और विभिन्न श्रमिक संगठनों ने भी बंद को पूरा समर्थन दिया है। श्रमिक संगठन केंद्रीय श्रम कानूनों में बदलाव की मांग को लेकर भारत बंद के समर्थन में उतरे हैं।
टोलियों में निकले, बाज़ार बंद करवाए
राजस्थान में भारत बंद को सफल बनाने के लिए किसान संगठन, श्रमिक संगठन और ट्रेड यूनियनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे नज़र आये। किसान संगठनों ने तो पहले ही सभी ज़िलों में अपने प्रतिनिधियों को ज़िम्मेदारियाँ देते हुए बंद को सफल बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी।
इधर राजधानी जयपुर में आज भारत बंद के समर्थन में उतरे तमाम किसान और श्रमिक संगठन सुबह 10 बजे शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए। इसके बाद अलग-अलग टोलियों में बंटकर रैलियां निकाली गईं और तमाम बाज़ारों में घूम-घूमकर दुकानें और अन्य सभी प्रतिष्ठानों को बंद करवाया गया।
बंद को कांग्रेस का पूरा समर्थन
भारत बंद का कांग्रेस पार्टी ने भी खुलकर समर्थन किया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा किसानों का गला घोंटने के लिए लाए गए काले कृषि कानूनों के विरुद्ध किसान संगठनों ने शांतिपूर्ण भारत बंद का आह्वान किया है। भाजपा के अत्याचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी हर लड़ाई में अन्नदाता के साथ खड़ी है।राजस्थान कांग्रेस भारत बंद का पूर्णतः समर्थन करती है।
वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि कृषि विरोधी कानूनों के विरुद्ध किसान संगठनों के शांतिपूर्ण भारत बंद में कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है।हम सभी को मिलकर मजबूती से अन्नदाताओं के अधिकारों की आवाज उठानी होगी।
लोकतंत्र की रक्षा के लिए भारत बंद: मील
केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को पूरे 10 महीने हो गए हैं। लेकिन अब भी केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने बताया कि भारत बंद से उनका यह किसान आंदोलन और मजबूत होगा। ये बंद भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक आंदोलन की श्रृंखला में एक कवायद है।
भारत बंद के दायरे से बाहर रखी गईं ये सेवाएं
किसान संगठनों का दावा है कि कार्यकर्ताओं निर्देश दिए गए हैं कि भारत बंद का समर्थन करने के लिए किसी के साथ कोई जोर-जबरदस्ती ना की जाए। लोगों से स्वेच्छा से सब कुछ बंद करने की अपील की जाए।