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मूल सौराष्ट्र के समूह ने किए सोमनाथ महादेव के दर्शन
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प्रभास पाटण. देश के प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंंदिर पर एक हजार वर्ष पहले हुए आक्रमण के बाद सामूहिक तौर पर पलायन करने के बाद सदियों से तमिलनाडु में स्थायी तौर पर रहने वाले मूल सौराष्ट्र के 9 पीढिय़ों के समूह ने सोमनाथ महादेव के दर्शन किए।
मूल सौराष्ट्र के निवासियों के तौर पर अपनी पहचान को 9-9 पीढिय़ों तक स्थायी रखने वाले सौराष्ट्रीयन समुदाय का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी में सौराष्ट्र हेरीटेज चेयर के तहत सौराष्ट्र के पांच दिवसीय दौरे के दौरान तमिलनाडु से यहां पहुंचा।
सोमनाथ ट्रस्ट के महा प्रबंधक विजयसिंह चावड़ा ने सोमनाथ मंदिर में पहुंचने पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। ट्रस्ट के ट्रस्टी सचिव प्रवीण के. लहेरी की ओर से चावड़ा ने बताया कि सोमनाथ मंदिर पर तत्कालीन समय में हुए आक्रमण के समय बड़ी संख्या में पलायन कर गए लोग दक्षिण भारत में रहते हैं, वे अब भी अपनी पहचान सौराष्ट्रीयन के तौ पर बनाए हुए हैं, उनके मकान भी सौराष्ट्र शैली के हैं। उनके पूर्वज यहां के थे।
यहां पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने सोमनाथ महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन, दैत्यसुदन भगवान के मंदिर, गौरीकुंड और ट्रस्ट की साइट सीन, सोमनाथ मंदिर में वृत्त चित्र फिल्म देखी। सोमनाथ मंदिर में दर्शन कर यह लोग काफी प्रभावित हुए और ट्रस्ट की ओर से की जा रही व्यवस्थाओं की सराहना भी इन लोगों ने की। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति कमलेश जोशीपुरा, राजकोट की पूर्व महापौर भावना जोशीपुरा भी इन लोगों के साथ थे।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित सौराष्ट्र मध्य सभा के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष व वकील श्रीराम शेखर के अनुसार मातृभूमि के प्रति आदर दर्शाने में रूचि के चलते वे सौराष्ट्र की यात्रा पर आए हैं। उनके अलावा तमिलनाडु से आए प्रतिनिधिमंडल में धनलक्ष्मी ग्रुप ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज के संस्थापक डॉ. वी.पी. राममूर्ति, चेयरमैन धनलक्ष्मी, चेन्नई सौराष्ट्र सभा की अध्यक्ष व आदि शंकरा प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की चेयरमैन जयंती, चेन्नई के उद्यमी जे.आर. रमेश, उद्यमी व शिक्षाविद डॉ. के.वी. नागराजन, होसुर के उच्च माध्यमिक स्कूल की निदेशक विजया, इरोड के उद्योगपति के.वी. वैंकटरमन, लेखिका व महिला सशक्तिकरण के लिए कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी और गृहिणी व आईआईटी स्नातक के बाद अमेरिका में रह रहे दो बच्चों की माता मंजुला सहित 13 लोग शामिल हैं। जूनागढ़ में इंद्रेश्वर महादेव, पुराने स्वामीनारायण मंदिर, भारती आश्रम आदि स्थलों का भी दौरा किया। यह लोग सोमनाथ, पोरबंदर, द्वारका, जूनागढ़, राजकोट की यात्रा पर हैं। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय व प्राध्यापकों की ओर से इन लोगों का सहयोग किया जा रहा है।


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