फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया संवाददाता अखिलेश कुमार 7500574328
यूपी के जनपद रामपुर शहर के बीच आ चुकीं कुछ फैक्टरियां अपने कैमिकल के प्रभाव से जनसामान्य के स्वास्थ्य को तो घातक साबित हो ही रही हैं। जनसुविधाओं के लिए भी आफत बन रही हैं। रेडिको खेतान और अन्य फैक्टरियों से निकल रही जहरीली गैसों और अम्लीय प्रभाव से बिजली निगम को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। कई टावर गल कर धराशायी हो चुके हैं, तो कुछ पोल भी गिरने के कगार पर हैं। उपकरण भी जंग लगने से खराब हो रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है। जिसमें अब तक लाखों का नुकसान होना बताया है। बता दें कि शहर में कई फैक्टरियां आबादी के बीच आ गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा गैस का प्रभाव छोड़ने वाली रेडिको खेतान फैक्ट्री भी है। इनकी जहरीली गैसों के साथ ही कैमिकल के रिसाव से लगातार नुकसान हो रहा है। बीमारियां पनप रही हैं वहीं तकनीकी नुकसान भी होने से सबसे ज्यादा बिजली निगम पर प्रभाव पड़ रहा है।
निगम के अधिशासी अभियंता और एसडीओ कई बार इन फैक्ट्री प्रबंधकों को पत्र लिख चुके हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है। फैक्टरियों से गैसें और कैमिकल छोड़ने का उतना ही क्रम जारी है। बिजली निगम के अफसरों ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा है कि 132 केवी उपकेंद्र पनवड़िया के सामने रेडिको खेतान डिस्टलरी और अन्य फैक्टरियां हैं। जिनसे निकलने वाली दूषित व अम्लीय गैसों के प्रभाव से 132 केवी सब स्टेशन पनवड़िया के टावर ट्रांसफार्मर, सीटी, पीटी और अन्य महत्वपूर्ण उपकरण जंग लगने के कारण कमजोर एवं खराब हो जा रहे हैं।
वर्ष 2016-17 में डिस्टलरी में स्थित टावर संख्या 108 ए जंग लगने के कारण धराशायी हो गया था जिसे बदला गया। अब पनवड़िया सब स्टेशन के भीतर टीवर संख्या 109 सी जंग लगने के कारण सभी टावर पार्टस क्रास दिनों दिन कमजोर हो रहे हैं। इसलिए टावर संख्या 109 सी को बदलने का प्रस्ताव 17.12 लाख रुपये अनुमोदन के लिए भेजा गया है। यदि इस टावर को नहीं बदला गया तो यह धराशायी हो जाएगा और रामपुर में बिजली आपूर्ति ठप हो जाएगी। एमडी को पत्र लिखे जाने के बाद खलबली मची हुई है।
शहर और आसपास दुर्गंध से परेशान हैं लोग
रामपुर शहर या आसपास पहुंचते ही अजीब सी दुर्गंध नाक पर हाथ रखने को मजबूर करती है। यहां के लोगों के लिए भले ही यह आदत में सुमार हो चुकी हो, लेकिन इससे लोग प्रभावित हैं। फैक्ट्रियों के आसपास रहने वालों के लिए यह और भी घातक साबित हो रही है। फैक्ट्री मालिकों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन के मुताबिक पर्याप्त उपकरण नहीं लगवाए हैं जिसकी वजह से यह दुर्गंध फैल रही है और लोगों को के स्वास्थ्य के लिए धीमा जहर साबित हो रही है। रोशनबाग स्थित कुछ फैक्टरियां और पनवड़िया और आसपास की फैक्टरियां घातक साबित हो रही हैं।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग कर रहा है अनदेखा
प्रदूषण नियंत्रण विभाग शहर में और आसपास लगी फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को नजरंदाज कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी समय समय पर न जांच कर रहे हैं और न राष्ट्रीय हरित न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन करा रहे हैं। कभी कभार नोटिस देकर ही काम चलाऊ कार्रवाई कर दी जाती है। लापरवाही में कभी किसी पर जुर्माना भी नहीं लगाया गया है। रेडिको खेतान के कैमिकल के प्रभाव से लगातार हमारे टावर धराशीय हो रहे हैं। डिस्टलरी के भीतर एक टावर बदला जा चुका है। अब पनवड़िया बिजली घर में टावर बदला जाएगा। लाखों रुपये का नुकसान बिजली निगम को हो रहा है। इस संबंध में एमडी को पत्र लिखा गया है। ताकि कोई समाधान कराया जा सके।