यूपी के जनपद बदायूं उघैती क्षेत्र सड़कों से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। किसी भी जिले की सड़कों को देखकर वहां के विकास व उन्नति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। सड़कें क्षेत्र विशेष की आधारभूत संरचना की नींव मानी जाती है। लेकिन उघैती क्षेत्र की हिस्सों की सड़कों की बदहाल स्थिति से यहा का विकास थमता हुआ नजर आता है। 2022 के इलेक्शन को लेकर भाजपा और मुख्यमंत्री को जर्जर पड़ी सड़कों की मरम्मत व उनका पुनरोद्धार करना मुख्यमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती साबित होने वाली है।
उघैती क्षेत्र की अधिकतर सड़के है बदहाल
महानगर गुगौआ घनसोली खंडुआ दमीनगर अमानाबाद नागरपोखरा रघुनाथपुर की सड़कों की दशा आज बद से बदतर होती जा रही है। लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर उचित तरीके से ध्यान नहीं दे रहे है। स्थिति यह है कि सड़कों पर पैदल यात्री भी 'हिचकोले' खा रहे हैं। सड़कों में बड़े-बड़े गढ्डे है, वहीं सही प्रकार से रखरखाव के अभाव में क्षेत्र की कई गलियों का बुरा हाल हो चुका है। बिगड़ी हुई है। इसके अलावा क्षेत्र के कई संपर्क मार्गो की दशा भी खराब है।
विभागीय लापरवाही से स्थिति हुई बदतर
उघैती क्षेत्र में खास तौर पर को देखकर यहीं कहा जा सकता है कि इन सड़कों के लिए जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग, मुख्यमंत्री के अधिकारी किस कदर लापरवाही बरत रहे है। दरअसल क्षेत्र में सड़कों का निर्माण तकरीबन हर वर्ष होता है, लेकिन अधिकतर सड़कें पहली बरसात के साथ ही टूट जाती है। फिर इन सड़कों की सही समय पर मरम्मत नहीं हो पाती। इसके लिए प्रशासन को विशेष कदम उठाते हुए सड़कों के टूटते ही उसकी तत्काल मरम्मत करवाने की तरफ ध्यान देना चाहिए। इससे छोटा सा गढ्डा धीरे-धीरे पूरी सड़क को ही न तोड़ सके। लगातार गड्ढा मुक्त अभियान भी मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार कराया जाता है लेकिन अधिकारी सही ढंग से कार्य नहीं करते हैं और परिणाम यह निकलता है कि बारिश होते ही गड्ढा मुक्त अभियान हवा हवाई में उड़ जाता है और उसी रूप में सड़कें फिर देखने को मिलती हैं सरकार पूरी बजट के साथ गड्ढा मुक्त अभियान चालू करती है लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा गड्ढा मुक्त अभियान पूरी तरह से फेल हो जाता है क्षेत्र की जनता ने डीएम साहब से मांग की है कि हमारी सड़कों मरम्मत की जाए और एक्सीडेंट होने से बचाया जाए