अनूपपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना मैं नहीं हम के निर्माण का संदेश देती है और इस भाव से ओतप्रोत स्वयंसेवक राष्ट्र के निर्माण में महती योगदान देते हैं। महात्मा गांधी ने युवाओं के लिए रचनात्मकता और समाजोपयोगी जो जीवन पथ प्रशस्त किया राष्ट्रीय सेवा योजना उस पथ पर युवाओं को ले चलने का काम कर रही है। ये विचार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.प्रकाश मणि त्रिपाठी ने राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित प्रमाणपत्र वितरण समारोह में कही। उन्होंने बताया कि पांच मूलमंत्र गांधीवादी चिंतन से निकले हैं जो राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से युवाओं के लिए प्रेरणा देने का काम करते हैं। सफाई के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कुलपति ने कहा यह महान कार्य है और इससे जुड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए। सेवा और समरस समाज के निर्माण का भाव राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से विकसित होता है। संवेदनशीलता का गुण भी स्वयंसेवकों की पहचान है और यह लोगों के प्रति सेवा का भाव, जुडऩे का भाव पैदा करती है। परिश्रम में सेवा, संवेदना सहयोग सभी सम्मिलित हैं। वहीं डीन अकादमिक प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना संकट के काल में भी जिस तरह से युवाओं को तरंगित कर रही है वह प्रशंसनीय है। विद्यार्थियों की अतुलनीय उर्जा को सही दिशा देने का काम राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को एनएसएस से सीखे मूल्यों को समाज के लिए उपयोग में लाने का संदेश दिया। कुलपति जी ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत अगस्त माह में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का परिणाम भी घोषित किया और सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को बधाई दी। बेबिनार में कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय स्वाधीनता आन्दोलन ने सत्याग्रह, सहिष्णुता, उत्सर्ग, समन्वय, सत्यनिष्ठा के मूल्य दिए हैं। आज हमारी आवश्यकता सहिष्णुता और बंधुत्व के भाव को जागृत करना है जिसे पूरा करने में राष्ट्रीय सेवा योजना की बड़ी भूमिका है।