सीहोर से अनिल कुमार की रिपोट...
कहते हैं कि कलां किसी से छिपती नहीं है। बस उसे तरस बहार लाने की जरूरत है। जो यह सब करता है उसे एक दिन प्रसिद्धी जरूर मिलती है। आष्टा जैसे छोटे से शहर की दिव्या उपाध्याय इसका एक उदाहरण है। बचपन में जिस कॉमेडी को वह दोस्तों के साथ हंसी ठिठोली के रूप मेंं करती थी, उसी ने देशभर में एक नई पहचान दिलाई है। इस समय वह अपने साथी पंकज जोशी के साथ मनोरंजक और प्रेरणादायक वीडियो के जरिए लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखरने का काम कर रही हैं।