मध्य प्रदेश होशंगाबाद नर्मदांचल में पिछले दो महीने रूक-रूक कर हुई लगताार बारिश ने सरकारी स्कूलों की हालत खराब कर दी है। अधिकांश स्कूल भवनों का बुरा हाल है। निरंतर बारिश से स्कूल भवनों की छत से पानी फर्श पर गिरता रहा है। सभी स्कूलों जिनमें शासकीय के साथ अनेक अशासकीय स्कूलों के फर्श से लेकर दीवार तक गीली हो चुकी हैं। स्कूलों में सीलन जमकर हो गई है। जिसका असर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। स्कूलों के क्लास रूम, स्टाफ रूम और लाइब्रेरी तक में पानी टपकता रहा है। ऐसी स्थिति में बच्चों को ठंडे फर्श पर बिठाना पड़ रहा है। कुछ स्कूलों की हालत तो इतनी दयनीय है कि अंदर बैठने तक की सही जगह नहीं बची है।
आइटीआइ शाला की हालत खराब
आइटीआइ क्षेत्र की शासकीय शाला में छत से पानी टपकने से फर्श गीला हुआ है। वहीं दीवाल भी गीली बनी हुई है। इस कक्ष में प्रायमरी के विद्यार्थियों को बिठाकर पढ़ाई की जाती है। जहां पर टाटपट्टी पर बैठने के बाद भी फर्श ठंडा रहने से बच्चों को असर पहुंच रहा है।
1864 हैं सरकारी स्कूल
जिले में प्रायमरी,माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल मिलाकर 1864 हैं। इनमें से एक भी स्कूल ऐसा नहीं बचा है कि जिसमें सीलन की स्थिति ना हो। इन सभी स्कूलों के छत से पानी टपकने के साथ ही दीवार भी गीली हो चुकी हैं। अधिकांश स्कूलों में तो बारिश का पानी अंदर तक चले जाने के कारण फर्श भी पूरे पूरे गीले हो चुके हैं।
उत्कृष्ट स्कूल की हालत
जिले के सबसे प्राचीन स्कूल जिसे पहले गवर्मेंट स्कूल कहा जाता था। अब इसे उत्कृष्ट स्कूल कहा जाता है। इस स्कूल का निर्माण अंग्रेजों के शासन काल में हुआ है। भवन जीर्णशीर्ण हो चुका है मरम्मत की दम पर टिका हुआ है लेकिन अनेक कक्षों में बारिश का पानी टपकता है। इस वर्ष अधिक बारिश होने से स्कूल की हालत काफी खराब हो चुकी है।
एसएनजी स्कूल
शाससकीय एसएनजी स्कूल भी लगातार बारिश के कारण अंदर बाहर और ऊपर से क्षतिग्रस्त हो चुका है। बार- बार मरम्मत कराए जाने के कारण यहां पर कक्षा में टेबिल कुर्सी लगा कर बैठना हो पाता है। नीचे फर्श की हालत ठीक नहीं है। इस स्कूल के भी 24 कक्षों में से करीब 14 कक्षों में सील अधिक होने के कारण पूरी दीवारें गीली हो चुकी हैं।
कन्या शालाओं की हालत
शहर में दो कन्या शालाएं हैं जिनमें कन्या उच्चतर माध्यिक शाला सबसे पुरानी शाला है यहां के आधे से अधिक भवन क्षतिग्रस्त हैं। जिनकी खिलड़ी दरवाजे से पानी अंदर पहुंच गया है। जिससे दीवार के साथ ही फर्श भी गीला हो चुका है। ऐसी ही हालत जुमेराती कन्या शाला की भी है यहां पर भी बारिश के पानी से स्कूल की दीवारें तथा फर्श गीले हो चुके हैं।
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जिले में स्कूलों की संख्या
हायर सेकंडरी स्कूल-92
हाई स्कूल-82
मिडिल स्कूल-549
प्राइमरी स्कूल-1141
गिरा दिया जाएः
पुरानी शाला पूरी तरह खंडहर हो चुकी है। उसके छज्जे गिरते रहते हैं। विभाग को लिखकर दे चुके हैं भवन को गिरा दिया जाए। जिससे स्कूल के लिए मैदान हो सके।
आशा सोलंकी,प्रधान पाठक शासकीय आइटीआइ शाला
काम कराएंगेः
लगातार हुई बारिश से स्कूल में सीलन आना स्वाभाविक है। जल्द ही स्कूलों की स्थिति का आकलन कराएंगे। जिन स्कूलों की हालत ज्यादा खराब होगी वहां पर सुधार कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराएं जाएंगे।
जेएस इंगले जिला शिक्षा अधिकारी
एक्सपर्ट व्यू
बीते करीब एक माह से अधिक समय से बारिश का दौर जारी रहा है। इससे स्कूल भवनों की हालत पर असर पड़ा है। खासकर पुराने व शासकीय स्कूलों में सीलन अधिक हुआ होगा। सीलन के संपर्क में आने से छोटे बच्चों के स्वाथ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। इसलिए छोटे बच्चों को दीवारों के संपर्क में नहीं आने दिया जाना चाहिए। इन दिनों वायरल बुखार और सर्दी खांसी की बीमारी ज्यादा है।
डॉ एसके पुरोहित, वरिष्ठ डॉ जिला अस्पताल