पीयूष भावसार
शाजापुर. जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर ग्राम सांपखेड़ा में पहला ऐसा मामला सामने आया है, जहां पत्नी की मात के बाद पति ने बेटों के साथ मिलकर पतली का मंदिर बनवा दिया। घर के बाहर बने मंदिर में दिवंगत पत्नी की तीन फीट ऊंचाई वाली बैठी हुई प्रतिमा स्थापित की है। प्रतिदिन बेटे अपनी मां को यहीं पर निहारकर तसल्ली करते हैं।
सांपखेड़ा निवासी बंजारा समाज के नारायंणसिंह राठौड़ पनी पतली ओर बेटों के साथ परिवार सहित रहते थे। बेटे मां को देवी तुल्य समझते थे, लेकिन संक्रमणकाल में गीताबाई की कोरोना से मौत हो गई। अहमेशा मां के साए में रह रहे बेटे मां की कमी को सहन नहीं कर पा रहे थे।