केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना को लेकर हलफनामा दाखिल कर इसे मुश्किल काम बताए जाने के एक दिन बाद शिवसेना ने उसकी आलोचना की है। इसने कहा है कि यदि केंद्र सरकार ने यह रुख अपनाया है तो फिर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर महाविकास अघाड़ी सरकार को क्यों बदनाम किया जाता रहा है। शुक्रवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उस अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के लिए धन्यवाद दिया गया है, जिसमें कुछ उप चुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ओबीसी कोटा को बहाल कर दिया गया है। गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया था कि जातिगत जनगणना प्रशासनिक रूप से मुश्किल और दुष्कर काम है।
देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 9982499848