हिमाचल प्रदेश, जिला कुल्लू: कुल्लू में सेब सीजन अंतिम दौर में पहुंच गया है। घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में सेब का तुड़ान जारी है। 80 से 85 फीसदी तक सेब मंडियों को भेजा गया है। वहीं दशहरा उत्सव को लेकर बागवान 15 अक्तूबर से पहले सेब सीजन को निपटाने में जुटे हैं। सेब की फसल घाटी की आर्थिकी की रीढ़ मानी जाती है। कोरोना काल में बागवानों ने स्थानीय मंडियों को ज्यादा तरजीह दी है और बागवानों को उम्दा रेट मिल रहे हैं। एपीएमसी द्वारा जिला के सेब इलाकों में सब्जी मंडी खोलकर बागवानों को राहत प्रदान की है। अब बागवान घर-द्वार पर ही खुली बोली में अपना सेब बेचकर शाम को पेमेंट लेकर घर जा रहा है। पहले बागवान अपने उत्पाद को बेचने के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ व अन्य मंडियों में जाते थे। अब स्थानीय मंडियों के माध्यम से अधिकतर सेब मार्केट में पहुंच चुका है। वीरवार को कुल्लू की सबसे बड़ी बंदरोल सब्जी मंडी में सेब 65 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिका है, जो पांच रुपये अधिक है। हालांकि अब महज 15 फीसदी ही सेब तुड़ान बचा है। बागवान 15 अक्तूबर तक दशहरा उत्सव तक पूरे सेब सीजन को निपटाना चाहते हैं। पतलीकूहल सब्जी मंडी आढ़ती संघ के अध्यक्ष फतेह चंद चौहान ने बताया कि घाटी का 85 फीसदी सेब बिकने के बाद मार्केट में पहुंच चुका है। सिर्फ 15 फीसदी से ही बाकी है। बंदरोल सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन लाल ने कहा कि शुक्रवार को सेब की 65 रुपये बोली लगी है। एपीएमसी कुल्लू के सचिव सुशील गुलेरिया का कहना है कि 15 अक्तूबर तक सेब सीजन के पूरी तरह से सिमटने के आसार हैं।
फ़ास्ट न्यूज इंडिया प्रदेश इंचार्ज रत्न चंद की रिपोर्ट
ID 151049876
Date- 25/09/2021