खबर है गोंडा जनपद के इटियाथोक क्षेत्र की जहां कोरोना महामारी के नियंत्रण में आने के बाद नए सत्र से विद्यालय का संचालन शुरू किया गया है वहीं बेसिक स्कूलों की हालत बद से बदतर बनी हुई है वही विभाग जान कर भी अंजान बना हुआ है जिसकी एक बानगी शिक्षा क्षेत्र इटियाथोक के महराजगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिल रही है विद्यालय की हालत बद से बदतर हालत में है विद्यालय में ना तो किताबें बटी हैं ना ही एमडीएम बन रहा है बच्चे घर से टिफिन लाते हैं । इस बारे में प्रधानाध्यापिका सावित्री गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह 2 वर्षों से काम कर रही है उनसे पूर्व इंचार्ज के पद पर विनीता मिश्रा कार्य कर रही थी वह उन्हें रजिस्टर व अन्य वित्तीय अभिलेख ट्रांसफर नहीं कर रही है जिसके कारण बच्चों का प्रवेश नहीं हो पा रहा है और ना ही एमडीएम बन रहा है और ना ही कोरोना काल के समय बच्चों को राशन भी उपलब्ध नहीं हो पाया था और ना ही कन्वर्जन कास्टमनी भी अभिभावकों के खाते में नहीं भेजी जा सकी इस बारे में उन्होंने विभाग के सभी आला अधिकारियों को लिखित शिकायत करने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है । वही उपस्थित बच्चों ने बताया एमडीएम नहीं बन रहा है वही कार्यरत रसोइयों से पूछा गया कि एमडीएम क्यों नहीं बन रहा है तो उन्होंने बताया ना तो उन्हें राशन उपलब्ध कराया जा रहा है और ना ही खाना बनाने के लिए बर्तन, गैस सिलेंडर उपलब्ध है तो फिर भोजन कैसे बनाया जाए विद्यालय में कुल 5 शिक्षिकाएं कार्यरत हैं जिसमें से सहायक अध्यापक विनीता मिश्रा आए दिन अनुपस्थित रहती है और वर्तमान प्रधानाध्यापिका को वित्तीय अभिलेख ट्रांसफर नहीं कर रही है जिसके कारण विद्यालय के समस्त कार्य बाधित है वही विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए न तो कोई व्यवस्था है विद्यालय में गंदगी की भरमार है शौचालय की व्यवस्था नहीं है इस विद्यालय को देखने से साफ पता चलता है सर्व शिक्षा अभियान की धज्जियां उड़ाने में यह विद्यालय कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है वही विभागीय अधिकारी जान कर भी अंजान क्यों बने हुए हैं यह एक बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है। देखे इटियाथोक गोंडा से पवन कुमार द्विवेदी की रिपोर्ट 151051049