इंदौर। अमानक और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। लसूड़िया के एक गोदाम पर छापा मारकर 656 किलो अमानक घी और अमानक चायपत्ती जब्त की गई। भंवरकुआं के बाद क्राइम ब्रांच और खाद्य विभाग के छापे में खुलासा हुआ कि मुंबई से एक्सपायर्ड हो चुका घी खरीदकर यहां री- पैकिंग कर बेचते थे।
एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक, देवास नाका के समीप लसूड़िया मोरी में ट्रेजेडो कंपनी के गोदाम में अमानक व मिलावटी घी सूचना मिली थी। गोदाम में सोसायटी कंपनी का 3 से 5 लाख कीमत का 656 किग्रा देसी घी, सोसायटी अमर डस्ट चाय 207 किलो, सोसायटी मसाला फ्लेवर चाय 24 किलो व सोसायटी कंपनी की अन्य 115 किलो चायपत्ती मिली। होलसेल पैक कर्टन में 12 पैक जार बिना लेबल के मिले। खाद्य विभाग द्वारा लिए सैम्पल प्रथम दृष्टया अवमानक एवं मिलावटी होने की आशंका है। घी के लेवल पर आवश्यक जानकारी न देकर धोखाधड़ी की जा रही थी। कम्पनी प्रभारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव एवं लाइसेंसी मालिक हितेश भाटिया निवासी सेवा सरदार नगर पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया।
डीलरों के माध्यम से बाजार में बेचते थे
पूछताछ में पता चला कि सोसायटी कम्पनी का एक्सपायरी डेट का देशी घी मुंबई (महाराष्ट्र) से खरीदकर गोदाम में री-पैकिंग कर श्रीराम फूड एंड मिल्क इंडस्ट्रीज के संचालक नरेंद्र गुप्ता, मंजू अग्रवाल एवं मध्य प्रदेश के अन्य डीलरों को बाजार में बेचने के लिए सप्लाय होता था।
ऐसे पहचाने मिलावटी घी
शुद्ध घी मिलावटी या नकली है, इसकी पहचान बहुत ही आसान है।
- एक चम्मच घी अपनी हथेली पर रखें। अगर यह पिघलने लगे तो घी शुध्द होगा। क्योंकि घी सामान्य तापमान पर भी पिघलने लगता है। यदि मिलावटी या नकली होगा तो आसानी से नहीं पिघलेगा।