अनूपपुर। प्रदेश में दिनोंदिन कोरोना की भांति विस्तारित रूप लेता डेंगू संक्रमण का खतरा ने अनूपपुर में भी दस्तक दी है। पिछले एक सप्ताह के दौरान कॉलरी क्षेत्र के बरतराई और लतार में मिले दो संक्रमित मरीजों के बाद जिला मलेरिया विभाग की बेसुधगी टूटती नजर नहीं आ रही है। वहीं डेंगू के बढ़ते खतरे पर नगरी प्रशासन और ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों ने भी अनदेखी की चादर ओढ़ रखी है। भले ही जिले में अब तक मलेरिया सर्वेक्षण के कार्य में मिले संक्रमित मरीजों की संख्या कम है, लेकिन जिस प्रकार से डेंगू ने प्रदेश के अन्य हिस्सों में अपना शिकार बनाया है, उससे जिले के १५ कॉलरी खदानी क्षेत्रों और वहां बाहर से आवाजाही करने वाले लोगोंं के माध्यम से क्षेत्र में फैलने वाले मडंराते खतरे से कम नहीं आंका जा सकता है। बावजूद न तो जिला मलेरिया कार्यालय और ना ही नगरीय व ग्रामीण पंचायत स्तर पर डेंगू के खतरे से निपटने अब तक कोई रणनीति तैयार की है। यहीं कारण है कि वर्ष २०१८ के दौरान राजनगर के पौराधार में मिले एक मरीज के उपरांत जिले में डेंगू ने अपना कहर बरपाते हुए पांच सैकड़ा से अधिक लोगों को अपने संक्रमण का शिकार बनाया था। जिसपर जिला स्तरीय टीम द्वारा पुष्पराजगढ़, कोतमा और अनूपपुर के कॉलरी क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य करते हुए सफाई और दवाई छिडक़ाव का कार्य करते हुए राहत पाया था। लेकिन पूर्व के घटनाओं से कोई सबक सीखे बिना मलेरिया विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठी है। वहंी नगरपालिका कार्यालय में ५० लाख की अधिक कीमती फॉगिंग मशीन भी धूल फांक रही है। नगरीय प्रशासन द्वारा वार्डो या शहरी क्षेत्रों का दवा का छिडक़ाव नहीं कराया जा रहा है। जिसके कारण बारिश के जमे पानी में अब डेंगू के लार्वा पनपने लगे हैं।
बॉक्स: १४४ गांवों के सर्वे में मिला ११ सैकड़ा से अधिक लार्वा
विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले ९ माह के दौरान डेंगू सम्बंधित सर्वेक्षण के लिए चलाए गए कार्य में विभागीय अमला द्वारा जिले के ७२८ गांवों में से १४४ गांवों का जांच परीक्षण किया गया था। जिसमें अमले ने २२८३८ घरों से १११८ डेंगू के लार्वा को पाते हुए उसे नष्ट करने की कार्रवाई की थी। इसमें ६६४१० कंटेनर की जांच की गई, जिसमें २४४८ कंटेनर से लार्वा पाया गया था।
महीना गांव का सर्वे घर की जांच पाया गया लार्वा कंटेनर पाया गया लार्वा