आजमगढ़. यूपी सरकार ने किसानों को लेकर बड़ा फैसला किया है। चुनावी साल में सरकार का यह फैसला किसानों को बड़ी राहत देगा। कारण कि खेत में फसल अवशेष जलाने के मामले में जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज करायी गयी थी वे सभी एफआईआर वापस लिए जाएंगे। इससे आजमगढ़ के 63 किसान लाभान्वित होंगे।
बता दें कि प्रदूषण पर प्रभावी रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण के सख्त निर्देश केे बाद फसल अवशेष जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। फसल अवशेष जलाने पर जुर्माने के साथ ही एफआईआर का प्राविधान किया गया है। पिछले वर्षो में सैटेलाइट से भेजी गई फोटो के आधार पर कृषि विभाग और तहसील प्रशासन ने भौतिक सत्यापन कराकर कर किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी।
आजमगढ़ जिले में वर्ष 2019-20 में 04 और वर्ष 2020-21 में 59 किसानों पर फसल अवशेष जलाने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गयी थी। इससे किसानों की मुश्किल बढ़ गयी थी। उन्हें भारी भरकर जुर्माने का खौफ भी सता रहा था। अब सरकार ने किसान हित में फसल अवशेष जलाने के आरोप में किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया है।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि शासन की मंशा के अनुरूप प्रकरण को सर्वाेच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए लंबित अभियोगों में अभियोगवार वाद वापसी का स्पष्ट प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप पर न्याय विभाग एवं गृह नियंत्रण कक्ष को प्रेषित करें। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
उप निदेशक कृषि संगम सिंह ने बताया कि फसल अवशेष जलाने के आरोप में पिछले दो वर्षों में जिले के 63 किसानों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। शासन के आदेश पर किसानों के ऊपर दर्ज मुकदमें की वापसी संबंधी कार्रवाई जिलाधिकारी के स्तर से की जा रही है