रामपुर. सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम खान को सुप्रीम को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्लाह आजम खान की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के हाईकोर्ट के फैसले का बरकरार रखा है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस सीटी रवि कुमार और जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ ने सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता के नहीं पहुंचने पर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली इस याचिका को खारिज कर दिया।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय अब्दुल्ला आजम खान की उम्र 25 वर्ष से कम होने के चलते विधायकी को अयोग्य करार दिया था। अब्दुल्ला आजम खान उस दौरान स्वार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। हाईकोर्ट से विधायकी रद्द होने के बाद अब्दुल्लाह आजम की ओर फैसले को सु्प्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 16 सितंबर के आदेश में कहा है कि केस की अंतिम सुनवाई होने के बावजूद अब्दुल्ला आजम खान की ओर से कोई अधिवक्ता नहीं पहुंचा। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया।
यह भी पढ़ें- खुशखबर, यूपी सरकार दिसम्बर में 51 हजार पदों पर करेगी शिक्षकों की भर्ती
दस्तावेज में अनियमितता पर विधायकी रद्द
बता दें ककि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2019 में फैसले की सुनवाई के बाद अब्दुल्ला आजम की उम्र के दस्तावेजों में अनियमितता होने पर चुनाव को अमान्य करार देते हुए उनकी विधायकी को रद्द कर दिया था।
यह भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी ने कहा राज्य सरकार मेरे खिलाफ, जेल में मेरे भोजन में मिलाया जा सकता है