चूरू. कोरोना का ग्रहण क्या लगा इलाके में बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार छिन गया, जिससे मजदूर व किसान वर्ग की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। ऐसे में सरकारी मशीनरी की ढिलाई के चलते उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी बैठकों में योजनाओं के लाभ देने की बातें तो करते हैं, मगर इसके उलट जमीनी हकीकत कुछ और ही है। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुए जरुरतमंद परिवारों को केंद्र सरकार की नि:शुल्क अनाज देने की घोषणा का प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना के बंद होने के कारण सवालों के घेरे में है। इसमें देखने वाली बात तो ये है कि जब नए नाम ही नहीं जुड़ रहे हैं तो हकदार लोगों को इसका लाभ कैसे मिलेगा। हालात इस कदर बिगड़ गए है कि कई गरीब परिवारों को कचरा बीन कर पेट भरना पड़ रहा है। जिला रसद अधिकारी सुरेंद्र महला ने बताया कि गत मई 2020 से एनएफएसए में नए नाम जुडऩा बंद हो गए हैं, सरकार ने इस पोर्टल को ही बंद कर दिया है। जिसके चलते सरकारी मदद की आस लगाए जरूरतमंद लोग ई- मित्र के चक्कर लगा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक गत सवा साल में जिले मेें हजारों अपात्र लोगों के नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभान्वितों की सूची से हटाए तो गए, लेकिन सूची में नए नाम नहीं जोड़े। ऐसे मे कोरोना काल में आर्थिक स्थिति बिगडऩे से जिले में पात्र लोगों की सं या बढ़ी है। इसमें मजे की बात तो ये है कि अंतिम छोर पर बैठे जरूररतमंदों तक सरकारी मदद पहुंचाने का दावा करने वाली सूबे की सरकार ने नए लोगों के नाम प्राथमिकता से जोडऩे के बजाय योजना पर ही ताला जड़ दिया।
मई 2020 में बंद किया सॉफ्टवेयर
डीएसओ के मुताबिक सरकार द्वारा मई 2020 में संबंधित सॉ टवेयर में एनएफ एसए में नए लाभान्वितों का नाम जोडऩे के लिए आवेदन करने का विकल्प बंद कर दिया था। इसके बाद नए आवेदकों के नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में अंत्योदय के 226 71, बीपीएल के 8 246 2, स्टेट बीपीएल के 18 419 व खाद्य सुरक्षा योजना में 1लाख 72 हजार 477 राशनकार्ड धारक हैं।
डेढ वर्ष में 8 हजार को पेंशन, पर मुंह में निवाला नहीं
विभिन्न श्रेणियों में सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन तो लोगों को मिली है पर निवाला नहीं। सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया ने बताया कि 1 अप्रेल 2020 से सित बर 2021 तक राज्य सरकार व केंद्र की योजना के तहत सामान्य, एससी व एसटी श्रेणी में वृद्धावस्था, एकल नारी, विशेष योग्यजन, कृषक वृद्धजन, विधवा व निशक्तजन पेंशन में कुल 8 273 लोगों को लाभान्वित किया गया है। पर इन लोगों एनएफएसए में नाम नहीं जोड़े गए हैं। ऐसे ही जिले में हजारों पात्र लोग योजना के बंद होने के चलते सस्ते सरकारी अनाज का पथराई आंखों से इंतजार कर रहे हैं।
क्या कहते हैं हकदार
साब... कोरोना से तो नही मरे मगर पेट की आग जरूर जान ले लेगी, अभी तक राशन कार्ड नहीं बना, सस्ता अनाज भी नहीं मिल रहा। रोजगार चला गया, रोटी के लिए अब कचरा बीनने को बजबूर हैं