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पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने गयाजी जा रहे
  • 151112995 - SANDEEP KUMAR CHAURASIYA 0



यूपी के प्रयागराज जिले के खीरी थाने के अंतर्गत धार्मिक मान्यता के अनुसार पित्र पक्ष के 15 दिनों में पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता हैl शास्त्रों में भी श्राद्ध का उल्लेख कई जगहों पर किया गया हैl और कहा जाता है कि पित्र पक्ष में हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और तर्पण ग्रहण करने के बाद अपने परिवार जनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैंl और पितृपक्ष में दान करने का भी अपना एक अलग महत्व हैl गया प्राचीन काल से ही धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है यह ना सिर्फ हिंदू धर्म को मानने वाले बल्कि बौद्ध धर्म के भी आस्था का पावन स्थल हैl कई पुराणों और ग्रंथों में गया में पिंडदान और श्राद्ध का महत्व बताया गया हैl ऐसा माना जाता है कि यहां पर पितरों का कर्म करने से उनको मुक्ति मिल जाती है इसीलिए पितृपक्ष में बड़ी संख्या में लोग यहां पर आते हैंl भागवत प्रवक्ता श्री सुमित कृष्ण जी महाराज ने बताया कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए उनकी मृत्यु श्राद्ध करके पित्र ऋण को उतारा जाता हैl श्राद्ध काल में यम प्रेत तथा पितरों को श्राद्ध भाग ग्रहण करने के लिए वायु रूप में पृथ्वी लोक में जाने की अनुमति देते हैंl श्राद्ध में जो अन्य पृथ्वी पर गिरता है उससे पिशाच योनि में स्थित पितर, स्नान से भीगे वस्त्रों से गिरने वाले जल से वृक्ष योनि में स्थित पितर, पृथ्वी पर गिरने वाले जल हुआ गंध से देव योनि में स्थित पितर ,ब्राह्मण के आचमन के जल से पशु कृमि व कीट योनि में स्थित पितर ,अन्न व पिंड से मनुष्य योनि में स्थित पितर तृप्त होते हैंl जो मनुष्य इतना भी नहीं कर पाते उनके कुल व धन संपत्ति में वृद्धि नहीं होती तथा वह परिवार सहित सदा कष्टों से पूरी तरह करते हैंl अतः हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार यह क्रिया सभी हिंदू लोगों को करनी चाहिएl संपूर्ण दक्षिणांचल के क्षेत्रों से गाजे बाजे के साथ लोग अपने घरों से पीले वस्त्र धारण कर संपूर्ण परिवार के घरों में पीले अक्षत छिड़कते हुए घरों से निकले तथा उनके साथ संपूर्ण परिवार जन उनके साथ साथ रहेl

फ़ास्ट न्यूज इंडिया थाना संवाददाता खीरी सन्दीप कुमार चौरसिया 

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