गोशालाओें के कुशल संचालन एवं समुचित रखरखाव में लापरवाही करने वाले ग्राम प्रधानों के विरूद्ध होगी कड़ी कार्यवाही-मुख्य विकास अधिकारी
गौशालाओं के श्रमिकों के भुगतान में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये-मुख्य विकास अधिकारी
विशाल रावत ब्यूरो चीफ
प्रतापगढ़। मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन के कक्ष में स्थायी एवं अस्थायी गोशालाओं के निर्माण एवं व्यवस्थापना की समीक्षा की गयी। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने ने बताय कि 42 अस्थायी गोशालायें, 02 स्थायी एवं 08 कांजी हाउस है जिसमें कुल 9772 निराश्रित/बेसहारा गोवंश संरक्षित किये गये है। समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि नवसृजित नगर पंचायत क्षेत्र में आने वाली गौशालाओं को अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत को तत्काल हैण्डओवर किया जाये। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि वृहद गो संरक्षण केन्द्र इटवा स्थित गौशाला में जाने के लिये नहर की पटरी क्षतिग्रस्त है जिसके कारण भूसा पहुॅचानें में कठिनाई आ रही है जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किया कि नहर की पटरी मार्ग का निरीक्षण कर मरम्मत/निर्माण कराना सुनिश्चित करें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश की देखभाल करने वाले कार्यरत श्रमिकों का भुगतान नही हो रहा है जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि श्रमिकों का भुगतान समय से कराना सुनिश्चित करें और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाये। खण्ड विकास अधिकारी शिवगढ़ ने बताया कि शिवगढ़ ग्राम प्रधान द्वारा गोशाला की देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि यदि किसी भी ग्राम प्रधान द्वारा गोशालाओें के कुशल संचालन एवं समुचित रखरखाव में यदि लापरवाही बरती जा रही है तो उसके विरूद्ध 95जी की नोटिस जारी करते हुये कड़ी कार्यवाही की जाये। उन्होने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सचेत करते हुये कहा कि गौशाला में निराश्रित गोवंश की देखभाल में यदि कोई भी लापरवाही बरती जायेगी तो उसके लिये सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी और पशु चिकित्साधिकारी का दायित्व निर्धारित की जायेगा। उन्होने यह भी निर्देशित किया कि बरसात के कारण जिन गौशालाओ ंमें जल भराव हो गया है वहां पर जल की निकासी करायी जाये और यदि टीन शेड गिर गये है उनकी तत्काल मरम्मत करायी जाये। इसी तरह मुख्य विकास अधिकारी ने ब्लाकवार सभी गौशालाओं में पशुओं की देखरेख, चिकित्सा, प्रकाश व्यवस्था, चूनी-चोकर, भूसा, पानी, टीन शेड आदि की विस्तृत समीक्षा की।बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शत्रोहन वैश्य, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 विजय प्रताप सिंह, खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।