खड़गपुर : विगत १ सितंबर को मिदनापुर खड़गपुर डॉग लवर्स ग्रुप द्वारा एक कुत्ते का ट्यूमर ऑपरेशन किया गया। अभी वह पहले से काफी बेहतर है ,लेकिन बारिश के कारण अब भी वह सरकारी स्कूल में हमारी निगरानी में रखा गया है । युवा मंच धन्यवाद जताता है, खड़गपुर मिदनापुर डॉग लवर्स ग्रुप के मेंबर्स सौरव दास अधिकारी, शिबू राणा और अमितेश कुमार ओझा का । जिन्होंने इस कुत्ते का मासूम बच्चे की तरह इलाज कर उसे वापस एक नई जिंदगी दी।अमितेश का कहना है - लेकिन मैं निराश अब भी हूं कि क्या खड़गपुर में केवल एक कुत्ता ही इस ट्यूमर जैसे रोग से ग्रसित है । अक्सर बरसात के समय कुत्ते के गर्दन में मैगोट्स नामक बीमारी देखने को मिलती है ,जिससे अक्सर मनुष्य उस बीमारी को देख कर कुत्ते को मारते है और अपने आस पास रहने नहीं देते । इससे ना जाने कितने कुत्तों की मौत इस बरसात के मौसम में हो जाती है । कुत्ते केवल मग्गोट्स ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियों से भी ग्रसित होते है । उसके बावजूद शहर के निवासियों द्वारा उनके देखभाल के सिवाय अक्सर यह देखा जाता है कि कहीं किसी कुत्ते की सड़क दुर्घटना में जान चली जाती है तो कहीं हड्डी टूट गई । आखिर इन सभी सड़कपर रहने वाले लावारिस जीव जंतुओं के देखभाल की जिम्मेदारी किसकी है । मैंने अक्सर देखा है बड़े बड़े नेताओं , सेलिब्रिटी द्वारा घरेलू कुत्तों के साथ फोटो साझा किया जाता है ,मैं भी अपने घर में एक कुत्ते का पालन पोषण कर रहा हूं लेकिन इसके बावजूद मुझे सड़क पर रहने वाले कुत्तों से प्रेम है। देश में जितने भी जरूरी कानून को राज्य व केंद्र सरकार को लगाना या हटाना रहता है उसमे कहीं भी विलंब होती नजर नहीं आती ,चाहे वो ट्रिपल तलाक हो या धारा ३७० । मैं बिल्कुल भी इसके खिलाफ नहीं हूं ,जो सरकार को देश हित में अच्छी लगे उसे तुरंत करना चाहिए । लेकिन सड़क पर रहने वाले इन जीव जंतुओं के लिए भी कोई ऐसी कड़ी कानून बनाने की आवश्यकता है । आज भी जितने सरकारी पशु चिकित्सालय पूरे देश में स्थित है उनकी अवस्था दयनीय है , कब डॉक्टर आते है कब जाते है किसी को इसके बारे में जानकारी नहीं रहती है । दो वक़्त की रोटी और आवास मनुष्य के साथ साथ जानवरों की भी आवश्यकता है । लेकिन क्या इस पर नजर किसी की भी नहीं पड़ेगी ??
खड़गपुर से स्टेट इंचार्ज दीपक शर्मा के साथ अमितेश कुमार ओझा की रिपोर्ट।