शाहजहांपुर। बीते चार दिन से रामगंगा के जलस्तर में गिरावट जारी रहने के कारण परौर क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में फिर से भूमि कटान होने लगा है। उधर, कलान के भैंसार बांध पर गंगा नौ सेमी घटकर 142.91 मीटर पर बह रही है, लेकिन मिर्जापुर क्षेत्र के तटवर्ती गांवों के लोगों की बाढ़ से जुड़ी दिक्कतें कम नहीं हुई हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार नरौरा बैराज से 62402 क्यूसेक पानी का बहाव जारी रहने से नदी के जलस्तर में ज्यादा कमी नहीं आ रही है।रामगंगा का जलस्तर चार दिन में 41 सेमी घटकर 158.87 मीटर हो गया है। अब फिर से नारायणनगर पश्चिमी के पास की उपजाऊ जमीनें नदी में समाने लगी हैं। उधर, मिर्जापुर क्षेत्र में गंगा की बाढ़ से निकटवर्ती पैलानी उत्तर, आजादनगर, इस्लामनगर, चौरा आदि गांवों के पास लहरें ठोकर मार रही हैं। मिर्जापुर-इस्लामनगर मार्ग पर कई जगह एक से डेढ़ फीट तक पानी बह रहा है।उधर, फर्रुखाबाद जिले के सीमावर्ती गांव कमथरी और चितार चारों ओर बाढ़ से घिरे हुए हैं। सिंचाई विभाग के वरिष्ठ लिपिक सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि चौबारी (बरेली) में रामगंगा के जलस्तर में सोमवार को दो सेमी वृद्धि रिकार्ड की गई। इसलिए जनपद, विशेषकर परौर क्षेत्र में अगले 24 घंटे तक जलस्तर स्थिर रहने के आसार हैं।
परौर। रामगंगा में बाढ़ का पानी कुछ घटा है, लेकिन नारायणनगर पश्चिमी के पास आंशिक रूप से भूमि कटान फिर शुरू हो गया है। हाल ही में कटान वाले हिस्सों में ठोकरें बनवाई गईं। इससे मोहनपुर, दहेलिया और बिचपुरी में कटान कुछ कम हुआ लेकिन रामगंगा ने नारायण नगर पश्चिमी को फिर अपना निशाना बना लिया है। गांव के कल्लू, रामशरण, सुखवीर सिंह, सत्यराम यादव, मुलायम कुशवाहा आदि ने गांव को कटान से बचाने के लिए स्थायी ठोकरें बनवाने की मांग दोहराई है।
गत सप्ताह सामान्य से ज्यादा हुई बारिश के कारण बैराजों से अतिरिक्त पानी की निकासी बढ़ी और इसीलिए जिले की नदियों में पानी बढ़ा। नारायणनगर गांव और वहां के लोग रामगंगा की बाढ़ और भूमि कटान से पूरी तरह सुरक्षित हैं। पहले दौर की बाढ़ के दौरान भूमि कटान रोकने के लिए जरूरी प्रबंध किए जा चुके हैं।