शाहजहांपुर : सरकार भले ही परिवहन विभाग में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रही हो लेकिन कस्बे में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते यात्रियों का सफर मुश्किल होता जा रहा है। यहां 40 बसों में सिर्फ एक का ही स्टापेज हो रहा है। जबकि अन्य बसें लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधे निकाल दी जाती हैं। यात्रियों की इस दिक्कत को दूर करने के लिए न विभागीय अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। यात्रियों को सफर करने के लिए सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। वहीं बस स्टैंड पर अब झाड़ियां उगने लगी है। सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने बस स्टैंड पर स्टापेज कराने के लिए कई बार आंदोलन भी किए लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पांच साल पहले रुकती थी 70 बसें
बस स्टैंड पर पांच साल पहले तक 70 बसों का स्टापेज होता था। लेकिन धीरे-धीरे संख्या घटकर 40 पर पहुंच गई। इनमें भी सिर्फ बदायूं जाने वाली एक बस सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर पहुंच रही है। सिर्फ बुकिग क्लर्क है तैनात
बस स्टैंड पर सिर्फ एक बुकिग क्लर्क की तैनाती है। जो यहां आने वाली बस की इंट्री करते हैं। जबकि पांच साल पहले यहां पांच से छह कर्मचारियों का स्टाफ तैनात था। आधा किमी के फेर से बचने को बढ़ा दी दिक्कत
तिलहर से करीब दो हजार लोग बसों से सफर हर दिन करते है। पर्याप्त बसें आने की वजह से लखनऊ से लेकर दिल्ली तक का सफर आसानी से पूरा कर लेते थे। लेकिन बस स्टैंड कस्बे में होने की वजह से वहां तक जाने में करीब आधा किमी का फेर पड़ता है। ऐसे में कस्बे में जाने के बजाय सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग से बसों को निकाल दिया जाता है। जहां लोगों के बैठने तक का इंतजाम नहीं है। यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से दिक्कत हो रही है। फिलहाल इसकी नियमित मानिटरिग कराई जाएगी। परिचालकों से स्टैंड पर बस ले जाने की मुहर भी लगवाकर इसका सत्यापन भी कराया जाएगा। मनमानी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।