इंदिरापुरम कॉलोनी का मेंटेनेंस करने की जिम्मेदारी लेने के लिए नगर निगम तैयार तो हो गया, लेकिन इसके लिए जीडीए से 310 करोड़ रुपये मांगे हैं। इस रकम को कॉलोनी में ड्रेनेज, सड़क सुधार के बकाया कार्यों पर खर्च किया जाएगा। निगम ने हाल ही में जीडीए को डिमांड नोटिस भेज दिया है। पैसा मिलने के बाद ही निगम कॉलोनी के हस्तांतरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगा। जीडीए ने अभी इस डिमांड नोटिस का जवाब नहीं दिया है। नगर निगम और जीडीए अधिकारियों के संयुक्त सर्वे के बाद नगर निगम ने सड़क, सीवर, ड्रेनेज के बकाया कार्यों के लिए जीडीए ने जो एस्टिमेट बनाया है, वह अनुमान से कम है। जीडीए ने करीब 194 करोड़ का व्यय अनुमान बनाया है, जबकि नगर निगम के मुताबिक करीब 310 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इंदिरापुरम क्षेत्र के 7 पार्षदों की ओर से नगर निगम बोर्ड बैठक में कॉलोनी के हस्तांतरण का मुद्दा उठाए जाने के बाद निगम ने यहां ज्वाइंट सर्वे कराया। हालांकि अभी सीवर और उद्यान विभाग की सर्वे रिपोर्ट आनी बाकी है। इस रिपोर्ट के आने के बाद जीडीए से ली जाने वाली रकम में और इजाफा हो जाएगा।
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किस मद में कितना खर्च
1. 134 करोड़ रुपये ड्रेनेज के निर्माण पर।
2. 19.68 करोड़ रुपये ड्रेनेज सिस्टम की सफाई के लिए।
3. 20.31 करोड़ रुपये पुराने ड्रेनेज सिस्टम को तोड़कर नया निर्माण करने पर खर्च होंगे।
4. सड़कों के पुनर्निर्माण पर 136.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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आंकड़ों में इंदिरापुरम
आबादी --- करीब ढाई लाख
सोसायटियां --- 233
वोटर --- 1.32 लाख
जीडीए का सालाना टैक्स कलेक्शन --- 32 करोड़
निगम का सालाना टैक्स कलेक्शन --- 14 करोड़
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पैसा मिला तो कॉलोनी हस्तांतरण पर बन सकती है सहमति
नगर निगम के अधिकारियों ने जीडीए को बकाया कार्यों पर खर्च होने वाली रकम का डिमांड लेटर भेजा है। अगर यह भुगतान मिलता है तो इंदिरापुरम को टेकओवर करने पर सहमति बन सकती है। इसके बिना नगर निगम ने इंदिरापुरम के हस्तांतरण से इनकार किया है। इसके अलावा अभी सामुदायिक भवनों, ग्रीन बेल्ट, पार्क समेत कमाई के अन्य संसाधनों के हस्तांतरण पर भी निर्णय होना बाकी है।
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पार्षदों का बयान
जीडीए सिर्फ निर्माण करने वाली संस्था है। नियमानुसार कॉलोनी के बसने के बाद नगर निगम को उसे टेकओवर करना ही होता है। नगर निगम ने इंदिरापुरम में वार्ड तो बना दिए, लेकिन वहां विकास कार्य नहीं करा रहा है। - संजय सिंह, पार्षद इंदिरापुरम
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जीडीए मूलभूत ढांचे को सही कराकर पूरे इंदिरापुरम को हैंडओवर करे। यहां की सड़कें जर्जर हैं, सीवर ओवरफ्लो की समस्या है। मकनपुर में कई साल से पानी आपूर्ति बाधित है। निगम को कॉलोनी हस्तांतरित होने के बाद इस पर सुनवाई होगी।
-- कपिल त्यागी, पार्षद वार्ड 57
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पानी, सड़क, अतिक्रमण, सफाई की दिक्कत है। जीडीए शिकायत करने पर सुनवाई नहीं करता है। नगर निगम को हैंडओवर होने के बाद यहां पर समस्या का निस्तारण जल्द से जल्द होगा। इससे लोगों को भी सहूलियत होगी। वैभव खंड में एक टायलेट बनवाना है, नगर निगम से पास करा लिया है, लेकिन जीडीए इसकी एनओसी नहीं दे रहा।