गाजियाबाद। अजनारा इंडिया कंपनी के निदेशकों ने लोन की बदले में बंधक फ्लैट के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसे बुजुर्ग महिला को बेच दिया। फाइनेंस कंपनी का नोटिस चस्पा होने पर पीड़िता को फर्जीवाड़े का पता चला। जिसके बाद महिला ने निदेशकों समेत चार के खिलाफ नंदग्राम थाने में केस दर्ज कराया है।
राजनगर एक्सटेंशन की अजनारा इंटीग्रिटी सोसायटी में संतोष मलिक ने एक फ्लैट 26 लाख रुपये में खरीदा था। फ्लैट का बैनामा 5 अगस्त 2021 को हुआ था। बैनामे के बाद ही अजनारा इंडिया कंपनी के कंपनी के निदेशकों ने उन्हें फ्लैट पर कब्जा दे दिया था। 4 सितंबर 2021 को पंजाब हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के कर्मचारी अजनारा कंपनी के प्रोजेक्ट पर आए और निदेशकों द्वारा लोन अदा न करने का नोटिस चस्पा करके चले गए। इसके बाद उन्हें पता चला कि निदेशकों द्वारा उन्हें बेचा गया फ्लैट बैंक में बंधक है। फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचा फ्लैट
संतोष मलिक का आरोप है कि कंपनी के निदेशक अशोक कुमार गुप्ता, प्रमोद कुमार गुप्ता, विनोद कुमार गुप्ता व कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरी विजय सहदेव ने फ्लैट के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उन्हें बेच दिया। जबकि फ्लैट के असली दस्तावेज बैंक में बंधक थे। सीओ द्वितीय अवनीश कुमार का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर गिरफ्तारी की जाएगी।