बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन विधेयक पारित होने के बाद से ही भाजपा इसका विरोध कर रही है। पहले विधानसभा में और अब बाहर भाजपा नेता इस विधेयक को गलत बता रहे हैं। भाजपा विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़ और महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि रजिस्ट्रेशन का मतलब बाल विवाह को वैध मानने जैसा है। यह बाल विवाह रोकने के लिए बने शारदा एक्ट का उल्लंघन है। वहीं, संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन का मतलब उन्हें वैधता देना नहीं है। बाल विवाह कराने वालों के खिलाफ रजिस्ट्रेशन के बाद भी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में सीमा बनाम अश्वनी कुमार के मामले में फैसला देते हुए निर्देश दिए थे कि सभी तरह के विवाहों का रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है
देखर राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 9982499848