सूरत. अंतत चर्तुदर्शी पर रविवार को शांतिपूर्ण माहौल में भगवान गणेश की 35 हजार से अधिक मूर्तियों का 19 कृत्रिम तालाबों में विसर्जन सम्पन्न हुआ। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दे तो शहर में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
शहर पुलिस द्वारा सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। विभिन्न मुख्य मार्गो, चौराहों और कृत्रिम तालाबों पर 2 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त,7 डीसीबी, 28 एससीपी, 90 पुलिस निरीक्षक, 250 उप निरीक्षक, एक कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स की आठ रिजर्व पुलिस कंपनियां, 4200 पुलिस जवान, 1500 टीआरबी जवान, 3000 होमगार्ड तैनात किए थे। व्यवस्था संभालने के लिए शहर को अलग अलग हिस्सों में विभक्त कर दिया था।
वहीं कृत्रिम तालाबों पर लगाए गए सीसीटीवी और शहर में मार्गो पर कैमरों से कंट्रोल रूम के जरिए भी नजर रखी जा रही थी। वहीं ट्रैफिक पुलिसकर्मियों, होमगार्ड जवानों व टीआरबी जवानों ने विभिन्न मार्गो पर यातायात व्यवस्था संभाली। पुलिस ने विसर्जन यात्राओं के लिए कुत्रिम तालाबों के निकट 22 मार्गो पर रात से ही बैरिकेट लगा दिए थे।
भीड़ बढऩे पर किया रास्ता बंद :
सुबह भीड़ कम होने के कारण पुलिस ने रिंगरोड पर पुरानी सबजेल से स्थित कृत्रिम तालाब के पास फ्लाईओवर पुल के नीचे का रास्ता भी आम वाहनों के लिए खोल रखा था, लेकिन शाम को भीड़ बढऩे पर नीचे का रास्ता बंद कर दिया और वाहनों को पुल से गुजारा। इस तरह के व्यवस्थाओं में छोटे मोटे बदलाव अन्य कृत्रिम तालाबों और मुख्य मार्गो पर भी करने पड़े।
वाहन नहीं होने से आसानी :
इस बार चार फिट से कम उंचाई की मूर्तियां होने के कारण अधिकतर मंडल बिना वाहनों के पैदल, हाथ गाडिय़ों या डोलियों में श्रीजी की मूर्तियों को विसर्जन के लिए लेकर आए थे। जिसकी वजह रिंग रोड, राजमार्ग, अडाजण, डूमस रोड समेत अन्य मुख्य मार्गो पर पुलिस को यातायात व्यवस्था संभालने में अधिक परेशानी नहीं हुई।