सूरत. गुजसीटोक के मामले में पिछले आठ महीनों से फरार चल रहे माफिया अशरफ नागौरी को एटीएस ने महाराष्ट्र के नवापुर से गिरफ्तार किया है। नागौरी व उसके गिरोह से जुड़े लोगों के खिलाफ पोटा समेत कई गंभीर मामले दर्ज हो चुके है। पासा के तहत जेल भी जा चुका हैं।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक सूरत के लालगेट थानाक्षेत्र की पस्तागिया शेरी निवासी अशरफ नागौरी 2003 से ही आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय है। 2003 में उसे अहमदाबाद में जेहादी षडय़ंत्र के मामले में पोटा के तहत गिरफ्तार किया गया था। इस षडय़ंत्र में कुल 54 आरोपी प$कड़े गए थे। इस मामले में वह सात साल तक 2010 तक जेल में रहा।
हसमुखलाल वाला हत्याकांड में भी उसे सात साल की सजा हुई थी। उसके पास से 11 पिस्तौल भी बरामद हुई थी। जेल से रिहा होने के बाद वह फिर आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हो गया था। संगठित रूप से अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। उसके गिरोह के खिलाफ हथियारों की अवैध तस्करी, रंगदारी, जबरन वसूली, मारपीट, हत्या का प्रयास के चौकबाजार, उमरा, उमरा, उधना, सलाबतपुरा, कतारगाम, क्राइम ब्रांच व लालगेट में दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हो चुके है।
क्राइम ब्रांच द्वारा उसे 2013 में पासा और 2019 में तड़ीपार भी किया जा चुका है। प्रदेश में संगठित अपराध व आतंकवाद निरोधक गतिविधियों के लिए विशेष रूप से बनाए गए कानून गुजसीटोक के लागू होने पर जनवरी में क्राइम ब्रांच ने नागौरी गैंग के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में नागौरी समेत उसके साथियों रामपुरा नूरी मस्जिद निवासी फिरौज अंसारी उर्फ गजनी, पस्तागिया शेरी निवासी आरिफ नागौरी, बडेखां चकला निवासी वसीम मुस्तफा, नानपुरा निवासी अब्दुल समद मलबारी को नामजद किया गया था।
क्राइम ब्रांच ने अन्य आरोपियों को तो पकड़ लिया था लेकिन मुख्यसूत्रधार अशरफ नगौरी पहले ही फरार हो चुका था। वह सूरत से भाग कर पश्चिम बंगाल चला गया था और वहां फर्जी पहचान से छिप कर रह रहा था। वहां से दो माह पूर्व वह महाराष्ट्र के नवापुर लौटा। उसके एसटीएस के पुलिस निरीक्षक सीआर जाधव को उसके नवापुर में छिपे होने की पुख्ता सूचना मिलने एटीएस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की जा रही है।