पीएम आवास योजना के तहत शहर में बन रहे भवनों की संख्या की तुलना चार गुना से लेकर 10 गुना और देहात में आधे आवेदन आना बड़े खेल की तरफ इशारा कर रहा है। शहरी क्षेत्र में पीएम आवास योजना के सस्ते भवनों को लेकर मोटा मुनाफा कमाने के लिए प्रापर्टी डीलर व छोटे-छोटे बिल्डर फर्जी आय प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज तैयार कराकर अपने परिचितों के नाम से अलग-अलग कई आवेदन कराते हैं। इसके बाद डूडा व सर्वे करने वाली निजी फर्म के कर्मचारियों से मिलीभगत कर गलत सत्यापन रिपोर्ट लगवाकर अपात्र को पात्र बनवाते हैं। मोटा मुनाफा होने के कारण ही शहर में पीएम आवास योजना लांच होते ही आवेदन की भरमार लग जाती है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक-एक प्रापर्टी डीलर व बिल्डर 50-50 आवेदन कराते हैं। वहीं देहात में मुनाफा कम होता है। इसीलिए उपरोक्त लोग देहात की योजना में रुचि नहीं दिखाते हैं। इसी कारण वहां कम आवेदन आते हैं।
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- शहर व देहात की पीएम आवास योजना में आए आवेदन -
- शहरी क्षेत्र -
- मधुबन-बापूधाम - कुल भवन 856, प्राप्त आवेदन 3893
- प्रताप विहार - कुल भवन 720, प्राप्त आवेदन 2555
- देहात क्षेत्र -
- निवाड़ी - कुल भवन 528, प्राप्त आवेदन 220
- डासना - कुल भवन 432, प्राप्त आवेदन 312
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- यह है प्रक्रिया -
पीएम आवास योजना के तहत योजना जीडीए लांच करता है। आनलाइन आने वाले आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच जीडीए द्वारा डूडा से कराई जाती है। आवेदकों के दस्तावेज सही हैं या नहीं, पर्याप्त हैं या नहीं, यह जांचने के बाद पात्र लोगों की सूची डूडा द्वारा जीडीए को सौंपी जाती है। इसी सूची के आधार पर जीडीए द्वारा गठित समिति की मौजूदगी में ड्रा कराकर भवनों का आवंटन किया जाता है। सत्यापन के नाम पर कलाकारी पूर्व में कई बार सामने आ चुकी है। मधुबन-बापूधाम में पीएम आवास योजना के 856 भवनों का करीब दो साल पूर्व जीडीए ने डूडा से मिली सूची के आधार पर आवंटन किया था लेकिन आवंटन के बाद जीडीए अधिकारियों को जानकारी मिली कि इसमें अपात्र करीब 300 लोगों को आवंटन हो गया है। जांच कराई गई तो आरोप सही पाए गए। इस पर जीडीए अधिकारियों ने उक्त अपात्र लोगों के आवंटन निरस्त कर दोबारा से ड्रा कराकर भवन आवंटित किए थे। वर्ष 2012 में बिल्डर स्कीम के ईडब्ल्यूएस व एलआइजी फ्लैटों की स्कीम में भी आवेदकों के सत्यापन में धांधली हुई थी। जांच में पकड़ में आने के बाद जीडीए ने काफी संख्या में आवंटन निरस्त किए थे। यह स्कीम जीडीए ने लांच की थी लेकिन इसमें फ्लैट बिल्डरों को बनाने थे।
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पीएम आवास योजना के आवेदकों के सत्यापन से जीडीए का कोई लेना-देना नहीं है। आवेदकों का सत्यापन डूडा करता है। डूडा से मिली सूची के आधार पर ही ड्रा कराया जाता है।