अजमेर. शहर में बेनामी सम्पतियों की खरीद-फरोख्त के मामले में व्यवसायी व आरएसएस से जुड़े सुनील दत्त जैन समेत अन्य कई नाम सामने आए हैं। आरोप है इन्होंने बीसी संचालक प्रमोद गुप्ता के पास रखी बेनामी सम्पति के दस्तावेज लेकर पैसा उधार दिया था। अलवर गेट थाना पुलिस ने शनिवार को अजमेर सेन्ट्रल जेल से आरोपी गुप्ता को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक पड़ताल में गुप्ता ने सुनीलदत्त जैन, प्रवीन जैन समेत अन्य कई नाम बताए हैं जिन्हें उसने पैसे के बदले बेनामी सम्पतियों के दस्तावेज सौंपे। गुप्ता के जेल जाने के बाद जैन सहित बाकी लोगों ने अपना पैसा निकालने के लिए जमीनी कारोबार में वसूली करने वाले अंगद शर्मा जैसे लोगों के नाम बेनामी सम्पतियों के दस्तावेज बनवाकर वसूली शुरू कर दी। पुलिस प्रकरण की गुत्थी को सुलझाने में लगी है।
जैन को दी 5-6 फाइल
गुप्ता ने पुलिस को बताया कि उसने सुनील दत्त जैन को 5-6 फाइल दी हैं। जबकि प्रवीन जैन को करीब 35 बेनामी सम्पतियों के दस्तावेज देना कबूला है। गुप्ता ने बताया कि उसके पास मौजूद 80 फीसदी फाइलें उसने धनाढ्य लोगों को देकर बाजार से पैसा उठाया। ताकि बीसी की आड़ में चलने वाले कारोबार को पटरी पर ला सके। पुलिस गुप्ता के बयानों की भी तस्दीक कर रही है। इस संबंध में सुनील दत्त जैन से सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो पाई।
अब तक पांच गिरफ्तार
प्रकरण में अब तक पुलिस प्रोपर्टी व्यवसायी मनोज खंडेलवाल, मनोज गुरबानी, प्रकाश रामचंदानी, नीतू टेवानी, कम्प्युटर ऑपरेटर मनीष को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस पड़ताल में मनोज खंडेलवाल, मनोज गुरबानी, प्रकाश रामचंदानी व नीतू टेवानी की ओर से 15-15 लाख रुपए उधार देने व बेनामी सम्पतियों के दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस गुप्ता से उनसे मिले 15-15 लाख रुपए लेन-देन के साथ बेनामी सम्पति के संबंध में गहनता से पड़ताल करेगी।
इनका कहना है...
प्रमोद गुप्ता को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक पड़ताल में सुनीलदत्त जैन, प्रवीन जैन समेत कई लोगों के नाम बताए हैं। इनसे गुप्ता ने पैसा उधार लेने के नाम पर बेनामी सम्पतियों के दस्तावेज दिए थे। उसके बयान की तस्दीक की जा रही है।