यूपी वाराणसी । 18 सितंबर को राजकीय महाविद्यालय जक्खिनी, वाराणसी में प्राचार्य व नोडल अधिकारी डॉ उमाशंकर गुप्ता मिशन शक्ति तृतीय चरण -वाराणसी जनपद के कुशल मार्गदर्शन में संयोजक मिशन शक्ति डॉ स्वर्णिम घोष, सह संयोजक डॉ आभा गुप्ता एवम आयोजन सचिव मिशन शक्ति श्री अजय कुमार वर्मा के नेतृत्व में " बेबीनार के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य , महिला सशक्तिकरण एवम अभिमुखीकरण: 21 वीं सदी में महिलाएं, मानसिक स्वास्थ्य एवं समस्या व समाधान " से संबंधित विषय पर आभासी बेब संगोष्ठी /बेबीनार का आयोजन हुआ । महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी की एसोसिएट प्रोफेसर मनोविज्ञान , बहुचर्चित वक्ता , सशक्त महिला हस्ताक्षर के रूप में डॉ रश्मि सिंह जी इस व्याख्यान माला के विषय विशेषज्ञ के रूप में रहीं । डॉ रश्मि सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि 21 वीं सदी को महिलाओं के लिए समानता स्थापित व सुनिश्चित करने की सदी माना जा सकता है । जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बराबर हिस्सेदारी विश्व के सुरक्षित भविष्य, स्थिरता, हिंसक संघर्ष की रोकथाम, टिकाऊ व समावेशी विकास के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है । महिलाओं की मानसिक स्वास्थ्य पर वृहत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के संवर्धन के लिए परिवार की भूमिका अत्यंत ही अहम है । साथ ही उन्होंने कहा कि स्वयं जागरूक होकर भी हम अपना मानसिक स्वास्थ्यवर्धन कर सकते हैं ।उन्होंने मन और शरीर के संतुलन पर बल स्थापित करते हुए आनुवांशिकता, ऑटिज्म, चाइल्ड मेन्टल डिसऑर्डर, मानसिक विकलांगता, अटेंशन डिसऑर्डर, अवसाद, चिंता(एंजायटी), मानसिक विकृतियों के लक्षण व समाधान, सिजोफेनिया समस्या व समाधान, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के लिए मानसिक परामर्श थैरेपी, माइल्ड एंड मॉडरेट मेन्टल डिसऑर्डर, आघात, ट्रोमा, स्ट्रेस से निजात पाने की विधियों पर सविस्तार मनोवैज्ञानिक सारगर्भित व्याख्यान दिया। हार्मोन व पीसीओडी की समस्या पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह तो जीवनशैली से जुड़ी समस्या है जिसका निदान हम अपनी दिनचर्या व जीवनशैली को सुधार कर प्राप्त कर सकते हैं । साथ ही उन्होंने तनाव से बचने की सलाह देते हुए अनिंद्रा, चिड़चिड़ापन, मानसिक तनाव आदि समस्याओं से निजात पाने की कई उपायों के बारे में बताया। मानसिक समस्याओं के कारणों में वातावरण, शारीरिक और वंशानुगत कारणों को भी उत्तरदायी बताया। उन्होंने बालक तथा बालिकाओं दोनों के मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन पर महत्व दिया व कहा कि लड़कियों को सशक्त बनाने के साथ ही हमें लड़को को भी बदलाव के प्रति सचेत करना चाहिए।साथ ही उन्होंने भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करने की महत्ता व संतुलित आहार को अपनाने पर बल दिया । उन्होंने महिलाओं से अपील किया कि जागरूक बन अपने आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक स्वास्थ्य संवर्धन करें । सामाजिक स्तर पर मानसिक बदलाव लाएं । हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी स्वयम सुनिश्चित करें क्योंकि यही आपको सशक्त बना सकता है ।
प्राचार्य डॉ उमाशंकर गुप्ता ने छात्र-छात्राओ को संबोधित करते हुए कहा कि लैंगिक असमानता व महिलाओं तथा लड़कियों से भेदभाव अत्यंत ही अन्यायपूर्ण है जिससे निजात पाने के लिए अपने मानसिक सोच को विकसित करने की आवश्यकता है । प्रख्यात वक्ता डॉ रश्मि सिंह जी को राजकीय महाविद्यालय जक्खिनी, वाराणसी की तरफ से उनकी उत्कृष्ट वक्तव्य शैली के लिए ई- प्रसंशा व सामान पत्र देकर सम्मानित किया गया । आज के आभासी बेब संगोष्ठी का सफल संचालन कार्यक्रम संयोजिका डॉ स्वर्णिम घोष ने एवम धन्यवाद ज्ञापन डॉ आभा गुप्ता ने किया ।इस अवसर पर डॉ संतोष सिंह, डॉ कामना सिंह, डॉ कैरोकान्त उजाला, डॉ वेद प्रकाश दुबे, डॉ शरद कुमार, श्री संतोष कुमार, श्री संजय भारती, श्री आनंद सिंह, श्री योगेश चंद्र पटेल, श्री वेद प्रकाश गुप्ता, डॉ अवनीश चंद, डॉ कैलाश राम , श्री मति शशिप्रभा गोतम समेत समस्त कर्मचारीगण अँजेश, अविनाश, मनीषा, पुरूषोत्तम आदि व अधिकाधिक संख्या में छात्र -छात्राओं की उपस्थिति रही । वाराणसी से कृष्ण कुमार की रिपोर्ट 151115387