अंबिकापुर. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कुपोषण व खून की कमी के कारण पण्डो जनजाति की मौत का सिलसिला जारी है। पिछले एक महीने में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कई बच्चे अनाथ हो चुके हैं। इनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। वही कई ऐसे बच्चे हैं जो बाल्यावस्था में ही अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए पढ़ाई छोड़ कर मजदूरी करने को विवश हैं।
जब इसकी जानकारी समाज के प्रदेश अध्यक्ष उदय पण्डो को हुई तो उन्होंने अधिकारियों से बात की। इसके बाद पंडो जनजाति के 4 बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराने की पहल की गई।
इन चारों के छात्रावास व बालक आश्रम में रहने की व्यवस्था भी की गई है। वही पंडो जनजाति के कई ऐसे लोग हैं जो अभी भी कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति के लोग काफी दयनीय स्थिति में रह रहे हंै। शासन द्वारा इनके उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं परंतु उसका लाभ इन तक नहीं पहुंचने के कारण वे आज भी आर्थिक तंगी व भूखमरी का सामना कर रहे हैं।