लोनी। फर्नीचर कारोबारी नईमुल और उनके बेटे उवैस की हत्या में मौका ए वारदात पर मिले बीड़ी के टोटों से पुलिस कातिल तक पहुंच सकती है। पुलिस को यह उम्मीद इसलिए जगी है क्योंकि न तो नईमुल बीड़ी पीते थे और न ही उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्य। दूसरी ओर कारोबारी के परिवार के करीबी जिन दो लोगों पर पुलिस के शक की सुईं टिकी है, उनमें से एक बीड़ी का बड़ा शौकीन है। पुलिस ने इन दोनों सहित परिवार के पांच लोगों से लगभग पांच घंटे पूछताछ की है। इसमें भी कुछ सुराग निकले हैं। रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश में अब संदिग्धों के मोबाइल की कॉल डिटेल और वारदात के वक्त की लोकेशन निकलवाई जा रही है।
पुलिस की जांच यह साफ हो चुका है कि कातिल के लिए कारोबारी या उनके बेटे ने गेट खोला था। रात के वक्त प्रवेश परिचित को ही दिया जाता है। यह भी पता चला कि एक करीबी कारोबारी के घर में ही सोता था लेकिन उसने बताया है कि वारदात वाली रात वह नहीं आया था। पुलिस मालूम कर रही है कि यह महज इत्तेफाक था या फिर साजिश का हिस्सा। मौके से कोई कैश या जेवरात नहीं लूटा गया है।कोई पुरानी रंजिश भी सामने नहीं आई है। इससे भी पुलिस को लग रहा है कि कातिल कोई करीबी है। हालांकि पुलिस और भी बिंदुओं पर काम कर रही है। दोनों के शव बृहस्पतिवार को सुबह घर में मिले थे। हत्या रात में या तड़के की गई। शुक्त्रस्वार को दोनों के शव सुपुर्द ए खाक होते ही पुलिस ने एक-एक पर परिजनों से पूछताछ शुरु कर दी। रसोई के चाकू से ही ली जान
पुलिस को नईमुल के घर से कोई चाकू नहीं मिला है। परिजनों ने बताया कि सब्जी काटने के लिए रसोई में एक चाकू था जो नही?ं मिला। पुलिस का मानना है कि उसी चाकू से दोनों का गला रेता गया। इसके बाद कातिल चाकू को साथ ले गया। चाकू के वार के बाद दोनों पर पंखे से वार कर सिर कुचले गए थे । यह पंखा भी घर से ही उठाया गया था। दूसरी मंजिल पर यह रखा था। इससे साफ हो गया कि कातिल कोई हथियार लेकर नहीं आया था।
हाथ और पेट पर भी किए वार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि कारोबारी और उनके बेटे की हत्या गला रेतकर की गई। दोनों पर सात से दस प्रहार किए गए। नईमुल के गले, पेट और हाथों पर चाकू के निशान मिले। उनके बेटे के शव पर भी कई निशान मिले। दोनों के शव पर चाकू के निशान एक जैसे हैं। इससे जाहिर है कि दोनों की जान एक ही चाकू से ली गई।
शाम से बंद हो गया था फोन
नईमूल की जेब से 8 हजार रुपये मिले। घर में लूटपाट के निशान भी मिले। हालांकि नईमुल का मोबाइल नहीं मिला। यह बुधवार शाम सात बजे से ही बंद पाया गया। इससे माना जा रहा है कि कातिल बुधवार की शाम ही घर में आ गया था। पुलिस ने मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई है।
पति और बेटे को कफन में देख बेहोश हो गई साइमा
लोनी। नईमुल की पत्नी साइमा को नहीं मालूम था कि उसकी दुनिया उजड़ चुकी है। वह रिश्तेदारी में गई थी। परिजनों ने फोन पर बताया था कि पति और बेटा बीमार हैं, लौट आओ। वह समझ रही थी कि दोनों को बुखार आया है। शुक्त्रस्वार तड़के तीन बजे जैसे ही घर के नजदीक पहुंची, बाहर खड़े लोगों को देखकर घबरा गई। अंदर जाकर देखा तो आंगन में दो शव रखे थे। उसने पूछा कि ये शव किसके हैं? बेटा और पति कहां हैं? कोई कुछ बोल नहीं रहा था, तभी एक महिला ने नईमुल के चेहरे से कफन हटा दिया। यह देख साइमा फूट-फूटकर रोने लगी। उसने दूसरा शव देखा तो बेटा का था। इसे देखते ही वह बेहोश हो गई। परिवार के लोगों ने पानी पिलाने की कोशिश की लेकिन वह होश में नहीं आई। कॉलोनी के एक डॉक्टर को बुलाया गया। कुछ देर बाद होश में आने पर वह फिर से दोनों शवों से लिपट कर रोने लगी। वह बोलीं कि बृहस्पतिवार को दोपहर में उन्होंने फोन पर बात की थी। जल्द घर आने को कहा था, उन्हें नहीं पता था कि फोन पर आखरी बात हो रही है। मृतक के भाई ममनून ने बताया कि नईमूल पहले उनके पड़ोस में किराए के मकान में रहते थे। मृतक की पत्नी का सपना था कि वह किराए के मकान की बजाए अपने घर में रहे। पत्नी के सपने को साकार करने के लिए रामपार्क कॉलोनी में फर्नीचर के काम से पैसा कमाया। करीब एक साल पहले उन्होंने खाली प्लॉट लिया था। इसके बाद वह धीरे-धीरे मकान का निर्माण करा रहे थे। करीब चार माह पूर्व ही वह अपने परिवार के साथ निर्माणाधीन मकान में रहने लगे थे।