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MP में डोल ग्यारस पर तीन बार पानी में तैरी भगवान नृसिंह की साढ़े सात किलो वजनी पाषाण की मूर्ति
  • 151050061 - INDAR PARMAR 0



आस्था के आगे सभी नतमस्तक, जयकारों से गूंजा वातावरण!

नृसिंह घाट पर डोल ग्यारस के अवसर पर शुक्रवार को भमौरी नदी में पानी की सतह पर साढ़े सात किलो वजनी पाषाण मूर्ति को तैराया गया। मूर्ति के तैरते ही घाट पर मौजूद श्रद्धालु भगवान नृसिंह के जयकारे लगाने लगे, जिससे वातावरण भगवान के जयकारों से गूंज उठा। इस नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

इसके पूर्व नृसिंह मंदिर से आकर्षक ढंग से सजाए गए डोल में पाषाण मूर्ति को प्रतिष्ठित किया गया। नगर के नृसिंह मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, श्रीकृष्ण मंदिर के डोल डा. मुखर्जी चौक पर एकत्रित हुए, जहां से अखाड़ों के साथ चल समारोह प्रारंभ हुआ। चल समारोह के दौरान जयशिव व्यायाम शाला, बजरंग व्यायाम शाला, श्रीराम व्यायाम शाला के कलाकारों ने हैरत-अंगेज करतब दिखाए। अखाड़े, बैंड-बाजे और ढोल-धमाके के साथ निकले। चल समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

शाम करीब 5.45 बजे डोल नृसिंह घाट पहुंचे। सभी मंदिरों के डोल को जल में झुलाकर पुजारियों ने नदी में स्नान किया और भगवान की आरती की। नृसिंह मंदिर के पुजारी पं. राहुल वैष्णव ने नदी में गंगाजल छिड़ककर पवित्रीकरण किया तथा नदी में दीपक प्रवाहित किया। नदी में पुष्पमाला अर्पित करने के बाद पुजारी वैष्णव ने पाषाण मूर्ति को जैसे ही पानी की सतह पर छोड़ा मूर्ति तैरने लगी। यह देख सारा वातावरण भगवान नृसिंह के जयकारों से गूंज उठा तथा श्रद्धालु झूम उठे। पहली बार भी काफी देर तक व दूर तक मूर्ति तैरती रही।

दूसरी बार भी मूर्ति को पानी की सतह पर छोड़ा गया तो मूर्ति तैरी। इसी प्रकार तीसरी बार भी मूर्ति तैरती रही। तीनों बार मूर्ति के पानी की सतह पर काफी देर तक तैरने पर श्रद्धालु भगवान नृसिंह के जयकारे लगाते रहे। आम धारणा है कि तीनों बार मूर्ति के तैरने पर विभिन्ना दृष्टि से आगामी वर्ष सुख, समृद्धि से भरा होता है।

पाषाण मूर्ति को तैराए जाने के बाद पुष्पमाला चढ़ाने की बोली 45 हजार रुपये में प्रकाश भवानीराम चौहान ने ली। इस अवसर पर विधायक मनोज चौधरी, राजवीरसिंह बघेल सहित सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। चल समारोह के दौरान शेरवानी चैक पर अली अखाड़ा द्वारा, नृसिंह घाट चौराहे पर अरुण राठौर द्वारा अखाड़े के कलाकारों का सम्मान किया गया। आयोजन में व्यवस्था बनाने में सभी प्रशासकीय अधिकारियों सहित पुलिस प्रशासन, नगर सुरक्षा समिति आदि का सराहनीय सहयोग रहा।

 


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