स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 17 वार्डो में करवाए गए स्मार्ट कामों के तहत पुराना शहर 7 इंच ऊपर हो गया। सीवरलाइन डालने के बाद गिट्टी व सीमेंट से बनाई गई पक्की रोड कई जगह मजबूती का आधार बन गई तो कइयों के भविष्य में माथें पर चिंता की लकीरें उकेर दी। टेडी-मेढी, संकरी व घुमावदार पहचान रखने वाली गलियों में ढलान में स्थित कई मकान रोड लेवल से नीचे हो गए। इन मकानों में बारिश में पानी भरने का खतरा हो गया। अगर पानी का फ्लो तेज रहा है तो भविष्य में निश्चित रूप से यह तबाही मचाएगा।
स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड ने अंदरुनी शहर के 17 वार्डो में काम करवाए। इन वार्डाे सडक़, सीवरेज के साथ ही बिजली व केबल की लाइनोंं को अंदर किया गया। पुराने शहर की पहचान रखने व मकानों को एक जैसा दिखाने के लिए एक ही कलर में समस्त जगह पर रंगाई पुताई की गई। सीवर लाइन डालने के साथ ही नालियों को हटाकर गिट्टी व सीमेंट की एक जैसी रोड बनाई गई लेकिन कई संकरी गलियों में भारी परेशानी हो गई। उतार चढ़ाव के बीच कई मकान सडक़ लेवल के बराबर हो गए तो कुछ जगह पर ढ़लान में तो मकान नीचे हो गए।
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चेम्बर के ढक्कन भी टूटे-फूटे
पुराने शहर की संकरी गलियों में सीवर लाइन डालने के साथ ही चेम्बर बनाए गए। उन पर लगे ढक्कन इतने घटिया थे कि कई जगह पर वह टूट गए। ढक्कन के चारों तरफ की किनारी से लोहा तक बाहर निकल गया। कई मार्ग में चेम्बर का ढक्कन नीचे हो गए तो कई जगह सडक़ लेवल से ऊपर। इसको लेकर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। लोगों का कहना है पूरे मार्ग में कई ढक्कन होने से ध्यान चुकते ही व्यक्ति हादसे का शिकार हो जाता है।
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इन क्षेत्रों में सर्वाधिक परेशानी
मोलीचोहट्टा, चिंतामणी की घाटी, रावजी का हाटा, पिछोली, तंबोली की गली, हरवेनजी का खुर्रा, मेहतो का टिम्बा, सुथारों की घाटी, खेमण घाटी, वारियों की घाटी, खेरादीवाड़ी में चारभुजा मंदिर के सामने, बस्तीरामजी की बाड़ी आदि जगह पर सर्वाधिक परेशानी है।