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कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का एक साल पूरा, कब-क्या हुई बातचीत? पढ़ें पूरा घटनाक्रम
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तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर शिरोमणि अकाली दल आज ब्लैक फ्राइडे के तौर पर इसे मना रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ता किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानूनों को पारित करने और आंदोलन शुरू होने से पहले  केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत का प्रस्ताव दिया था। किसानों को दिल्ली बुलाकर 14 अक्तूबर और 13 नवंबर 2020 को बातचीत की गई थी, लेकिन बातचीत का कोई हल नहीं निकला था। विस्तार

केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर नवंबर 2020 से किसान आंदोलन चल रहा है। केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि कानूनों को पास किया, उसका लंबे वक्त से विरोध हो रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है।वहीं, शिरोमणि अकाली दल तीन कृषि कानूनों के अधिनियमन के एक वर्ष पूरा होने पर आज यानी 17 सितंबर को काला दिवस के रूप में मना रहा है।  दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर संसद तक विरोध मार्च निकाल रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को शिरोमणी अकाली दल के नेता और कार्यकर्ता किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल ने ब्लैक फ्राइडे नाम दिया है।हालांकि, किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। दिल्ली में जगह-जगह पुलिस किसानों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन किसान आगे बढ़ते जा रहे हैं। आइए आपको बताते हैं किसान आंदोलन में अब तक क्या-क्या हुआ और कब-कब सरकार और किसानों के बीच  बातचीत हुई। 151160173 - SONU REPORTING INCHARGE CHANDAUSI


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