गाजियाबाद। नवरात्र की शुरुआत के साथ ही शहरवासियों को जीडीए के फ्लैट और भूखंड खरीदने का अवसर मिलेगा। प्राधिकरण संपत्ति अनुभाग ने विभिन्न योजनाओं में खाली 1968 भवनों और 190 भूखंडों की बिक्री की योजना तैयार की है। ऐसे में नवरात्र में होने वाली जीडीए की नीलामी प्रक्रिया में लोग दो हजार से अधिक संपत्ति खरीद सकेंगे। नीलामी का दिन अभी जीडीए ने तय नहीं किया है। लेकिन नवरात्र में संपत्ति खरीदने के लिए लोगों के रुझान को देखते हुए एक दिन से अधिक नीलामी प्रक्रिया को रखा जा सकता है।
जीडीए की बोर्ड बैठक के बाद से प्राधिकरण की नीलामी प्रक्रिया पर ब्रेक लगा हुआ था। बोर्ड बैठक में संपत्तियों की किश्तों में एकरूपता लाने का प्रस्ताव पास होने और फिर पितृपक्ष लगने के चलते नीलामी प्रक्रिया फिलहाल थमी हुई है। अब अक्तूबर माह से शुरू होने वाली नीलामी में लोग आवासीय भवनों के साथ औद्योगिक और व्यावसायिक भूखंड खरीद सकेंगे। नवरात्र को देखते हुए जीडीए को अधिक खरीदार मिलने की उम्मीद है। नीलामी प्रक्रिया का विस्तृत कार्यक्रम जल्द जीडीए की वेवसाइट के साथ ट्विटर हैंडल पर डाल दिया जाएगा। नीलामी में संपत्तियों की खरीद में लोगों के रुझान को देखते हुए अब प्राधिकरण का फोकस भी आवासीय योजना की जगह नीलामी के जरिए संपत्तियों को बेचने पर है।
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नीलामी में शामिल होंगी 806 करोड़ की संपत्तियां:
जीडीए की ओर से नीलामी प्रक्रिया में लगभग 806 करोड़ की संपत्तियों को शामिल किया जाएगा। इनमें सबसे ज्यादा संपत्तियां मधुबन बापूधाम योजना की हैं। मधुबन में एलआईजी, एमआईजी और बहुमंजिला टावरों के फ्लैट शामिल हैं। वहीं, जीडीए की इंद्रप्रस्थ और कोयल एंक्लेव योजना के एक से दो बीएचके के फ्लैट शामिल हैं। वहीं, चंद्रशिला योजना के फ्लैट के साथ इंदिरापुरम में न्यायखंड योजना में चार मंजिला एमआईजी, तीन मंजिला मिनी एमआईजी भवन हैं। विभिन्न योजना में मिनी एमआईजी व दो बीएचके के फ्लैट की कीमत 19.29 से 52.28 लाख तक है। वहीं, तीन बीएचके की कीमत 60 लाख से 69 लाख के बीच में हैं।
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ब्याज में आई एकरूपता का मिलेगा लाभ:
शासन की ओर से प्राधिकरणों में ब्याज में एकरूपता लाने के आदेश संबंधी प्रस्ताव को जीडीए बोर्ड में मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में ब्याज में एकरूपता आने का सबसे पहले लाभ कोविड काल में प्राधिकरण की औद्योगिक और व्यावसायिक संपत्तियां खरीदने वाले लोगों को मिलेगा। इंद्रप्रस्थ योजना में औद्योगिक भूखंड के आवंटियों को किश्ताें पर अब 11 फीसदी की जगह करीब नौ फीसदी ब्याज देना होगा।
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कोट..
नवरात्र में अधिक रुझान के चलते निर्णय:
नवरात्र में संपत्तियों को खरीदने में लोगों का अधिक रुझान रहता है। ऐसे में नवरात्र से संपत्तियों की नीलामी के जरिए बिक्री की जाएगी।