अंबेडकरनगर ग्राम पंचायतों में लगातार भ्रष्टाचार बढऩे के पीछे की मुख्य वजह जिम्मेदार अफसरों द्वारा कार्रवाई न करना व उनकी गलतियों पर पर्दा डालना है। ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव द्वारा की जा रही मनमानी व गड़बड़ी की शिकायत गांव के जागरुक युवक प्रमाण सहित अफसरों से शिकायत भी करते हैं और मीडिया द्वारा खबरें भी प्रकाशित होती है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही। सरकार के रहनुमा भले ही भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन के दावे करें पर सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का वर्चस्व कायम है। तहसील हो अथवा ब्लाक या थाने नियम से काम कराने मे महीनों लग जाते हैं। लेकिन सुविधा शुल्क देते ही काम में तेजी आ जाती है। जिले के कई सरकारी विभागों में बिना लेन देन के कोई काम आगे नहीं बढ़ता है। क्षेत्र के मूलचंद जयसवाल कहतें है कि विभागों में बिना रुपयों के कोई काम होना मुश्किल है। कहते हैं कि आम आदमी भी झंझट से मुक्ति के लिए शार्टकट अपनाता है। ऐसे में भ्रष्टाचार की जड़ को उखाड़ना संभव नहीं होता। इसी क्रम में विनोद सिंह कहतें है कि आला अधिकारियों के सामने ही भ्रष्टाचार हो रहा है और वे मौन हैं।छुटभैये नेता विभागों पर अपना सिक्का चलाते हैं। लेकिन सुनवाई कही नहीं हो रही।प्रधानमंत्री आवास योजना में हर जगह पात्रों से वसूली की शिकायतें आ रही है।हालांकि सीडीओ की तरफ से चेतावनी दी गई है कि कोई भी रुपये मांगे तो शिकायत करें, कार्रवाई की जाएगी। शिकायत भी होती है खबरें भी प्रकाशित होती हैं परंतु जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती।शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये सरकारी अनुदान दिया जा रहा है।इसके लिए ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा शौचालय निर्माण मे भी अनियमितता बरती जा रही है। यही नहीं बल्कि आय ,जाति निवास भी सरकारी फीस पर कभी नहीं बन पाते । मूलचंद जायसवाल ने कहा लोक कल्याणकारी सरकार के उद्देश्य की पूर्ति करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से शासन में बैठे अधिकारियों की है, मगर वे राह भटककर अनुचित रास्ता अपना लेते है। इसका खामियाजा सरकार के साथ ही आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।