जयपुर
पांच बहनों के इकलौते भाई की कुछ लोगों ने हत्या कर दी। मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने इसे संदिग्ध मौत माना और सिर्फ मर्ग दर्ज कर हाथ झाड़ लिए। मृतक के पिता ने हत्या की धाराओं में केस दर्ज कराने की कोशिश की तो उसे भगा दिया। बाद में कोर्ट की दखल के बाद पुलिस ने अब हत्या समेत अन्य धाराओं में नामजद युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश अब तीन महीने के बाद पुलिस ने शुरु कर दी है।
दौसा से बीटेक कर रहा था छात्र, दौसा से जयपुर आया था कार में
रामनगरिया थाना पुलिस पूरे केस की जांच कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार मनीष बैरवा की करीब तीन महीने पहले रामनगरिया क्षेत्र मे स्थित श्याम विला के नजदीक शव मिला था। करौली निवासी मनीष दौसा के एक काॅलेज में बीटेक के दूसरे वर्ष का छात्र था। वह अपने पिता से करीब सोलह हजार रुपए लेकर आया था। इन रुपयों में से उसे दौसा में किराये के कमरे का भुगतान भी करना था और फीस भी जमा करानी थी। आखिरी बार उसकी उसके पिता रमेश बैरवा से बीस से इक्कीस जून के दौरान बातचीत हुई थी। उसने बताया था कि वह जल्द ही किराया भी दे देगा। पिता ने पुलिस को बताया कि वह हर महीने गिर्राज जी महाराज की परिक्रमा देने भी जाता था।
जयपुर आ रहा था कार से, उसके बाद शव ही मिला
मनीष के पिता ने पुलिस को बताया कि 22 जून को वह कार से कुछ लड़कों के साथ जयपुर आया था। जयपुर आने के बाद वे रामनगरिया क्षेत्र में गए थे। उसके बाद कुछ और लड़कों ने मिलकर मनीष की हत्या कर दी और सभी ने सबूत भी मिटा दिए। पिता को सूचना पुलिस से ही लगी। पिता को बताया गया कि शराब पार्टी के बाद शव मिला। पिता ने कहा कि बेटा शराब नहीं पिता उसे मारा गया है। लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और मर्ग में मामला दर्ज कर रफा दफा कर दिया। मनीष के पिता रमेश ने हार नहीं मानी और कोर्ट की दखल के बाद अब बेटे के हत्यारों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने हरिनारायण, राहुल, नरेन्द्र, सीताराम, महेन्द्र और पंकज नाम के युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।