बुंदेलखंड.ललितपुर, जनपद का किसान प्राकृतिक आपदाओं से पहले ही परेशान था जुलाई में बारिश न होने के कारण किसानों ने खरीफ की फसल समय से नहीं बोआई कर पाये है जो किसान फसल उर्द सोयाबीन की तैयार किये है उसमें कीड़ो का कहर पनपता जा रहा जिससे वहां के किसानों की दयनीय स्थिति बनती जा रही है तथा साहूकारों से कर्ज लिया फसल की शुरुआत में ही दो-तीन बार कीटनाशक और खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव किया आज स्थिति यह है कि किसानों के खेतों में जो उरदा और सोयाबीन की फसल खड़ी हुई है उसमें इमली और महू का प्रकोप भीषण फलने के कारण तथा महगाई को देखते हुए किसान बहुत ही परेशान है और इसी वजह से किसान इन आपदाओं को न सह पाने के कारण आत्महत्या कर लेते हैं पिछले साल खरीफ की फसल खराब हुई थी कुछ किसानों को अभी तक उसका बीमा नहीं मिला है जिससे किसान अभी भी परेशान है आज की स्थिति यह है कि उरदा की फसल लगभग 50% खराब हो चुकी है किसानों ने सरकार से मांग की है कि उनका जो बीमा प्रीमियम काटा गया है उसका लाभ अति शीघ्र दिलाया जाए नहीं तो किसान आंदोलन करने को मजबूर रहेंगे.