फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया जिला संवाददाता बरेली जियाउल अज़ीम 151150592
बरेली, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की पिछले महीने की जारी रैंकिंग में भले ही बरेली रीजन टाप-2 में है। लेकिन हकीकत की जमीन पर आरामदायक सफर छोड़िये, रोडवेज की बसों में यात्रियों की सुरक्षा ही राम भरोसे है। ऐसे में आए दिन बसों के टायर फटते रहते हैं, इससे रोडवेज स्टाफ के साथ ही मुसाफिरों की जान भी जोखिम में रहती है। 200 किलोमीटर से ऊपर का सफर तय करने वाली बसों को भी कहीं बिना स्टेपनी के दौड़ाया जा रहा, वहीं कुछ में पहिया बदलने के लिए जैक व अन्य जरूरी उपकरण नहीं है। इस पर जिम्मेदारों का कहना है कि रबरिंग के टायर नए की तुलना में अधिक मजबूत होते हैं।
किसी में स्टेपनी तो किसी में नहीं जैक
हकीकत यह भी है कि टायरों की कमी के चलते रोडवेज की कई बसें बिना स्टैपनी के चल रही हैं। लंबी दूरी की कई बसों में स्टेपनी है भी तो कुछ में उसे बदलने के लिए जैक आदि कि व्यवस्था नहीं की गई है। नियम के तहत बस का अगला टायर नया होना चाहिए। वो भी बेहद कम गाड़ियों में ही नया मिलेगा। कारण, रोडवेज की अधिकांश बसें खस्ताहाल हैं। जो ठीक भी हैं तो उनमें रबरिंग किए टायर लगे हुए हैं।