पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में यह सर्वविदित है कि भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति,शिक्षविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को होती है, उन्हीं की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। दरअसल, 05 सितंबर अपने जन्मदिन पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति (1962-1967) डॉ राधाकृष्णन अपने कार्यालय पहुंचे थे। वहां मौजूद उनके कुछ छात्र और दोस्त इस दिन को खास अंदाज में सेलिब्रेट करना चाहते थे। डॉ. राधाकृष्णन ने किसी तरह के तामझाम करने से साफ इनकार कर दिया बल्कि उन्होंने अपने छात्रों से कहा कि अगर वे इस दिन को खास बनाना ही चाहते हैं तो देश के शिक्षकों को लिए बनाएं। और इस तरह भारत में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है, लेकिन उनके लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं। कुछ देशों में इस दिन छुट्टी भी रहती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिक्षकों के महत्व और उनके योगदान को सम्मान दिलाना है। जिस तरह भारत में 'शिक्षक दिवस' शिक्षकों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है उसी तरह 'अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' सारी दुनिया में शिक्षकों की भूमिका और उसकी जिम्मेदारियों को समझाने के लिए मनाया जाता है।
इस साल विश्व शिक्षक दिवस 2021 की थीम है – शिक्षकः बढ़ते संकट के बीच भविष्य की नई कल्पना। अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस यूनिसेफ, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के साथ साझेदारी में मनाया जाता है।
आज शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए सेरवो ने ऑफिसर्स क्लब में, खड़गपुर रेल मंडल परिसीमा के अंतर्गत आने वाले सभी शिक्षकों को सम्मानित करने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
रेलनगरी खड़गपुर के ऑफिसर्स क्लब के प्रांगण मेंआज शिक्षक दिवस के अवसर पर साउथ ईस्टर्न वीमेन वेलफेयर आर्गेनाईजेशन, सेरव्वो, ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर शिक्षकों को सम्मानित किया।इस आयोजन में साउथ ईस्टर्न रेलवे इंग्लिश मीडियम खड़गपुर, बी एन आर एक्सीलेंस अकादमी, सन्तरागची रेलवे स्कूल,सेंट एग्नेस स्कूल खड़गपुर, सैक्रेड हार्ट स्कूल खड़गपुर, अंकुर स्कूल, जागृति प्राइमरी स्कूल के लगभग एक सौ शिक्षकों ने इस आयोजन में शिरकत की।इस कार्यक्रम में शिक्षकों को अपने-अपने हुनर दिखाने का मौका दिया गया।पहली बार वे उम्र और पद को भूल कर, बच्चों को आयाम देने वाले, बचपन में लौट आये।सेरव्वो की अध्यक्षा श्रीमती प्रिया प्रधान ने कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं।उनका कार्य अतुलनीय, अमूल्य और दायित्व से भरा होता है।निजी जिम्मेदारियों के साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी शिक्षक निभाते हैं।उन्होंने आगे कहा कि उनका परिवार शिक्षक घराने से है इसलिए वे बखूबी समझतीं है कि शिक्षक किस हालात को रिप्रेजेंट करता है।हर समाज शिक्षक वर्ग का कर्जदार होता है।ताउम्र उसके कर्ज से मुक्त नहीं हो सकता।सेरव्वो अपने आप को भाग्यशाली समझता है कि कुछ पल के लिए ही सही, उसने इस कार्यक्रम के बहाने, उनके साथ आत्मसात होने का मौका पाया।इस कोरोना काल में भी शिक्षक ऑनलाइन क्लास के नाम पर दोगुना योगदान दे रहे हैं।हमें उनके योगदान को कभी भूलना नहीं चाहिए।इस अवसर पर इस संस्था की वाईस प्रेसिडेंट श्रीमती सीमा कुमारी, सेक्रेटरी श्रीमती अनिता रुलानिया, कोषाध्यक्ष श्रीमती प्रीति सिंह के अलावा सेरव्वो की सभी सम्मानित सदस्यगण उपस्थित थे।शिक्षकों ने कहा कि खड़गपुर के रेल इतिहास में पहली बार हुआ है कि इस गर्मजोशी से शिक्षकों को सम्मानित किया गया है।ज्ञातब्य हो कि लंबे अंतराल के बाद शिक्षकों के सम्मान में, शिक्षक दिवस पर कुछ अलग हट कर शिक्षकों के महत्व को जताने की कोशिश की गई।
फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया के लिए पश्चिम बंगाल स्टेट इंचार्ज दीपक शर्मा की रिपोर्ट।