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अधर में अफगानिस्ताान
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काबुल हवाईअड्डे के बाहर गुरुवार को एक के बाद एक धमाके हुए। इन बम धमाकों में काफी लोग मारे गए हैं। हमलों में महिलाओं अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत कई लोग घायल भी हुए हैं।

 

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब आतंकवादियों ने खूनी खेल खेलना शुरू कर दिया है। काबुल हवाईअड्डे के बाहर गुरुवार को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) द्वारा किए आत्मघाती हमले में कम से कम 72 लोग मारे गए। एक के बाद एक हुए सिलसिलेवार दो बम धमाकों में 11 मरीन कमांडो व एक मेडिक समेत 12 अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों की जान गई है। हमले में महिलाओं, सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत 143 लोग घायल हुए हैं। वहीं, एएफपी समाचार एजेंसी ने काबुल में देर रात एक और यानी तीसरे धमाके की जानकारी दी है।

 

आइएस ने देर रात अपने टेलीग्राम अकाउंट पर हमले की जिम्मेदारी ले ली। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह हमला आइएस की करतूत है। एक अमेरिकी अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि हमले में कम से कम 72 लोगों की जान गई है। इनमें 60 अफगान नागरिक और 12 अमेरिकी सैनिक हैं। खुफिया जानकारी के अनुसार अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने एयरपोर्ट पर आइएस द्वारा बम धमाकों की आशंका जताते हुए बुधवार को ही अपने देश के नागरिकों को एयरपोर्ट के बाहर जमा होने से पहले ही रोक दिया था।

रोते-बिलखते अपनों को तलाश रहे थे लोग

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक आत्मघाती बम धमाका एयरपोर्ट के एबे गेट पर और दूसरा धमाका एयरपोर्ट के बाहर बैरन होटल के पास हुआ। दोनों घटनास्थल आस-पास ही हैं। हमले में कई अफगान नागरिक भी हताहत हुए हैं। घटना के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। एयरपोर्ट की चहारदीवारी के पास पानी भरी खाई में कई लाशें पड़ी देखी गई। उन्हें निकाल कर किनारे ढेर के रूप में जमा किया जा रहा था। लोग रोते-बिलखते अपनों को तलाश रहे थे। 

दिल दहला देने वाला मंजर 

स्थानीय पत्रकारों ने मौके के जो वीडियो बनाकर इंटरनेट पर पोस्ट किए हैं उससे दिल दहलाने वाला मंजर सामने आया है। लोग अपने घायल परिचितों को ले जाते देखे गए। काबुल हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहे अफगान नागरिक आदम खान ने बताया धमाका हवाई अड्डे में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे लोगों के बीच हुआ। खान ने कहा कि वह धमाके वाली जगह से करीब 30 मीटर दूर था। उसके मुताबिक धमाके में कुछ लोग मृत और घायल नजर आ रहे थे तथा कुछ लोगों के अंगभंग हो गए थे।

हालात बेहद खराब 

वहीं अफगानिस्तान में पशुशाला चलाने वाले ब्रिटेन के एक पूर्व रायल मैरीन पाल पेन फारथिंग ने बताया कि अचानक हमने गोलियां चलने की आवाज सुनी और हमारे वाहन को निशाना बनाया गया। अगर हमारे ड्राइवर ने वाहन को मोड़ा नहीं होता तो एके-47 लिए एक व्यक्ति ने उसके सिर में गोली मार दी होती। हम एयरपोर्ट पर थे, लेकिन अब लौट आए हैं। सब कुछ गड़बड़ है।

तालिबान ने आतंकी वारदात बताया  

 

तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बम धमाके की घटना को आतंकी वारदात बताया है। हमले की निंदा करते हुए उसने आइएस पर हमला कराने का शक जताया है। उधर पेंटागन प्रवक्ता जान किर्बी ने हमले को बहुत ही जटिल बताते हुए अमेरिकी लोगों के हताहत होने की जानकारी दी है। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। वहीं अमेरिकी दूतावास ने धमाके को बहुत बड़ा बताते हुए मौके पर गोलीबारी होने की बात भी कही है।

गोलीबारी की भी खबर 

अमेरिकी दूतावास की ओर से कहा गया है कि हवाई अड्डे के पास धमाकों के अलावा गोलीबारी भी हुई है। अमेरिकी नागरिक इस समय हवाईअड्डे की ओर आने से बचें। जो भी नागरिक हवाईअड्डे के विभिन्‍न गेट पर हैं उनको तुरंत निकल जाना चाहिए। समाचार एजेंसी एपी ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा है कि काबुल में हुए इन सिलसिलेवार आत्‍मघाती बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट का हाथ हो सकता है।

 

बाइडन ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की

काबुल में बम धमाकों की खबर मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायली पीएम के साथ अपनी मीटिंग टालकर सुरक्षा संबंधी टीम के साथ आपात बैठक की। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सीएनएन के हवाले से कहा है कि बाइडन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक की जिसमें विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिले समेत अन्‍य कमांडर शामिल थे।

 

और हमले कर सकता है आइएस

मीटिंग के बाद सेंट्रल कमांड के प्रमुख केनेथ मैकेंजी ने काबुल के हालात को बहुत चिंताजनक बताते हुए कहा कि आइएस अभी वहां और हमले कर सकता है। इमरजेंसी अस्पताल के अनुसार एयरपोर्ट में बम धमाकों के 143 घायलों को इलाज के लिए लाया गया। घटना के बाद मौके पर काफी देर तक अफरातफरी की स्थिति रही।

संयुक्‍त राष्‍ट्र समेत दुनिया ने की निंदा 

 

वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि यह घटना अफगानिस्तान की जमीनी हालात की अस्थिरता को रेखांकित करती है। जिसने भी जानबूझकर मासूम लोगों व बच्चों को निशाना बनाया वे हताश लोग हैं। भारत सरकार ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। 

बोरिस जॉनसन ने बैठक की, एयरलाइनों को निर्देश जारी 

इन बम धमाकों के काबद ब्रिटेन ने एयरलाइनों के लिए अलर्ट जारी किया है। ब्रिटेन ने एयरलाइंस को अफगानिस्तान के ऊपर 25 हजार फुट से नीचे उड़ान भरने से बचने के लिए कहा है। वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि सरकार काबुल में अपना निकासी अभियान जारी रखेगी। बोरिस जॉनसन ने बम धमाकों के बाद पैदा हुए हालात को लेकर एक आपात बैठक की अध्यक्षता की। उन्‍होंने कहा कि ये हमले हमारी प्रगति को बाधित नहीं करने वाले हैं। हम निकासी अभियान के साथ आगे बढ़ेंगे।

 

अफगानिस्‍तान छोड़ने के लिए जमावड़ा 

दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का बाद वहां से निकलने की आपाधापी में काबुल एयरपोर्ट के अंदर-बाहर हजारों लोग जमा हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश 31 अगस्त तक अपने नागरिकों और मददगार अफगानियों को काबुल से निकालने में जी जान से जुटे हैं। खुफिया जानकारी के आधार पर पश्चिमी देशों ने बुधवार को ही अपने नागरिकों को एयरपोर्ट के बाहर जमा होने से सतर्क किया था। अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने एयरपोर्ट पर आइएसआइएस द्वारा बम धमाकों की आशंका जताते हुए अपने देश के नागरिकों को एयरपोर्ट के बाहर जमा होने से पहले ही रोक दिया था।

 

फ्रांस अपनेे राजदूत को वापस बुलाएगा 

वहीं समाचार एजेंसी एएफपी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के हवाले से कहा है कि फ्रांस काबुल से कई सौ अफगान लोगों को निकालने की कोशिश करेगा। फ्रांसी के राजदूत भी अफगानिस्‍तान छोड़ेंगे और वह पेरिस से काम करेंगे। आस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई अन्य सहयोगी देशों की ओर से लोगों से गुजारिश की गई थी कि वे काबुल एयरपोर्ट से दूर ही रहें। ब्रिटिश सरकार की ओर से कहा गया था कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की ओर से काबुल हवाई अड्डे पर मौजूद लोगों को निशाना बनाकर हमले किए जा सकते हैं।

पेंटागन ने किया था आगाह 

यही नहीं अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की ओर से भी लोगों को सतर्क किया गया था। काबुल में अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी और अफगान नागरिक एयरपोर्ट की ओर यात्रा करना टाल दें। यही नहीं एयरपोर्ट के गेट पर जो भी लोग पहले से मौजूद हैं वे तत्काल वहां से दूर चले जाएं। आस्ट्रेलिया ने भी लोगों को सतर्क करते हुए उनको एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह दी थी।

ब्रिटेन ने भी जताया था हमले का अंदेेशा

ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के मंत्री जेम्स हैपी ने कहा था कि काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले को लेकर रिपोर्ट आई है। ऐसे में लोगों को एयरपोर्ट से दूर चले जाना चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा था कि यह खतरा आतंकी संगठन इस्लामिक इस्टेट की ओर से है। नाटो के राजनयिक और तालिबानी नेताओं की ओर से भी काबुल एयरपोर्ट के इलाके में आइएस की ओर से हमले का खतरा होने की बात कही गई थी।

5800 अमेरिकी सैनिक मुस्‍तैद 

डेनमार्क और नीदरलैंड की ओर से भी कहा गया था कि काबुल से उड़ानें संचालित करना अब खतरे से खाली नहीं है। बता दें कि मौजूदा वक्‍त में काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा और संचालन फिलहाल अमेरिकी सैनिकों के हाथ में है। काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिका के 5800 सैनिक मौजूद हैं।  

तालिबान ने करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला को किया नजरबंद

इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और राष्ट्रीय सुलह परिषषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला को काबुल में उनके घरों में नजरबंद कर लिया है। तालिबान ने उनकी सुरक्षा भी हटा ली है और उनकी कारों को भी अपने कब्जे में ले लिया है। बता दें कि काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने सबके तालमेल से सरकार बनाने का वादा किया था। यही नहीं उसने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और पूर्व चीफ एक्जीक्यूटिव अब्दुल्ला अब्दुल्ला से बातचीत भी की थी।


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