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खड़गपुर से फ़र्ज़ी पत्रकार गिरफ्तार पुलिस ने कहा खाल खींच लूंगा।
  • 151018477 - DEEPAK KUMAR SHARMA 0



पश्चिम बंगाल के खड़गपुर  में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ आजकल फ़र्ज़ी पत्रकारों के कारण अपनी विस्वसनीयता खोते जा रहा है। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत खड़गपुर के इंदा निवासी एक फर्जी पत्रकार को गोलबाजार राममंदिर के पास से पत्रकारों की पहल पर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बाबई दास नामक इस शख्स की बाइक को भी पुलिस ने जब्त किया है। एक राष्ट्रीय चैनल के नाम का परिचय पत्र रख कर आम जनता में अपनी साख बघारने वाला फ़र्ज़ी पत्रकार बुबाई दास उर्फ बाबई उर्फ राहुल शिंदे कल पुलिस के हत्थे चढ़ गया। एक राष्ट्रीय समाचार पत्र ने पिछले वर्ष ही खड़गपुर टाउन थाना को सूचित किया था कि बाबई दास उसके प्रेस कार्ड का दुरुपयोग कर रहा है और मानव तस्करी के साथ साथ सेक्स रैकेट, अवैध वसूली में लिप्त है। यही नहीं यह फर्जीवाड़ा करने के लिए इस समाचार पत्र के प्रेस कार्ड का दुरुपयोग कर रहा है। आश्चर्य की बात है कि उसके इस किर्त्य में कुछ छुटभैए राजनेता, सिविक वॉलिंटर्स, असामाजिक तत्व भी शामिल थे। बुबाई इन्हीं लोगों के बल पर लोगों से अवैध वसूली करता था।
बुबाई दास का अपराधिक रिकॉर्ड बहुत ही पुराना है। मुम्बई में एक मंदिर के सामने नकुल दाना बेचने वाला कैसे यहां तक पहुँचा, ये भी सोचने वाली बात है। घटाल निवासी बुबाई दास कम पढ़ा लिखा है लेकिन लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की छमता उसमे गज़ब की थी। कम समय में अमीरी का सपना देखने वाला बुबाई जान गया था कि पत्रकारिता के क्षेत्र में ही उसके अरमान पूरे हो सकते हैं। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि पत्रकारिता का दबंगई दिखा कर चंदननगर के एक उच्च अधिकारी की बेटी को अपने प्रेम पाश में बांध कर मुम्बई ले गया और उसी लड़की के पैसों पर जम कर ऐश किया, इसी बीच लड़की के पिता को इसकी सूचना मिल गई, बंगाल पुलिस के सहयोग से बुबाई दास के साथ उस लड़की को चंदननगर लाया गया। यह घटना बम्बई के वेस्ट बोरीबली में घटित हुई थी। चंदननगर पुलिस ने उसका मोबाइल, पर्स के अलावा सभी सामान अपने कब्जे में ले लिया था। बहुत मुश्किल से जमानत मिली। उसके रिश्तेदार खड़गपुर में होने की वजह से वह खड़गपुर आ गया और यहाँ की लड़की से शादी कर ली। लेकिन मानव तस्करी का धंधा बदस्तूर जारी रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित कई होटलों में भी उसे देखा गया है, लेकिन हर बार पत्रकारिता की आड़ में बच निकलता था।


इसी बीच इसने ढेरों लोगों को झांसा देने के उधेश्य से नया नुस्खा अपनाया। कोई भी परिचित मिलने पर कहता कि वो उसे डिजिटल माध्यम से कुछ रुपये उधार भेज दे, किसी मुसीबत में फँस गया है जल्द ही पैसे वापस कर देगा।इस तकनीक से उसने पुलिस वालों को भी नहीं छोड़ा। मीडिया का सहारा लेकर जल्द ही इस फर्जी पत्रकार ने साम्राज्य खड़ा कर लिया, इसके लिए उसने नेताओं, मीडियाकर्मी, पुलिस के नाम उन्हें अभिनंदन करने वाले फ़ोटो का भी सहारा लिया। जिस दिन पुलिस ने सूचना के आधार पर उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया उसकी अकड़ कम नहीं हुई और पुलिस के सामने ही रौब झाड़ते हुए एक पत्रकार को धमकी दी कि वो उसका चमड़ा उतार लेगा। जाहिर सी बात है जब तक रसूखदारों का बरद हस्त नहीं रहेगा, पुलिस थाने में एक पत्रकार को कोई धमकी नहीं दे सकता। यह सोचने वाली बात होगी कि उसका वास्तविक नाम राहुल शिंदे है या बुबाई दास। उसका फेसबुक एकाउंट राहुल शिंदे के नाम से भी है। ज्ञातब्य हो कि कुछ दिनों पहले भी वह सुर्खियों में आया था। ऐसी सूचना है कि मुम्बई में कई लोगों को ठग चुकने के बाद खड़गपुर में भी राष्ट्रीय चैनल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई बेरोजगारों को बेवकूफ बना चुका है। शनिवार को उसे अदालत में पेश किया गया जंहा से उसे जेल भेज दिया गया। फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया प्रदेश सवांददाता पश्चिम बंगाल दीपक कुमार शर्मा 151018477 


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