पश्चिम बंगाल के खड़गपुर, खड़गपुर रेल मंडल-शिक्षा ही एकमात्र ऐसा संसाधन है, जिसे जितना खर्च किया जाए उतना ही बढ़ता है।शिक्षा प्राप्ति के लिए जब बच्चे स्कूल में प्रवेश करते हैं तब विद्यालय परिवार का यह कर्तव्य होना चाहिए कि वह बच्चों को प्यार से बात करके, उन्हें चॉकलेटी प्रलोभन देकर, मात-पिता का अपनापन देकर विद्यालय में रखने का प्रयत्न करें। इससे वह हर दिन स्कूल में प्रवेश करेंगे और वह घर जाने की ज़िद भी नहीं करेंगे।
कुछ महीनों पहले देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक उद्बोधन में शिक्षा की गुणवत्ता के महत्व पर इन शब्दों में ज़ोर दिया थाः "अब तक सरकार का ध्यान देश भर में शिक्षा के प्रसार पर था किंतु अब वक़्त आ गया है कि ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता पर दिया जाए। अब सरकार को स्कूलिंग की बजाय ज्ञान पर अधिक ध्यान देना चाहिए।" तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी घोषणा की थी कि "देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता होगा।" स्कूलिंग की बजाय ज्ञानार्जन पर ध्यान स्थानांतरित करने का अर्थ इनपुट से नतीजों पर ध्यान देना होगा। हम विद्यालयों को मात्र इमारतों और कक्षाओं के रूप में ही नहीं देखते हैं, एक स्कूल में मूल शिक्षण स्थितियों के साथ-साथ इसमें बिजली की व्यवस्था, कार्यात्मक प्रयोगशाला और पाठन स्थल, विज्ञान प्रयोगशालाएं, कम्पयूटर प्रयोगशालाएं, शौचालय और मध्याह्न भोजन को पकाने के लिए एलपीजी कनेक्शन भी अवश्य होना चाहिए। सभी राज्यों और संघशासित प्रदेशों को सलाह दी जा चुकी है कि वह वर्तमान वर्ष में सभी माध्यमिक विद्यालयों में बिजली की व्यवस्था की सुनिश्चित करें जबकि शेष विद्यालयों को एक लघु अवधि की सीमा के भीतर शामिल किया जा सकता है।
यह पते की बात थी।इस बाबत खड़गपुर रेल मंडल अंतर्गत सेरवो ने गज़ब का कार्य किया है।अंकुर नर्सरी स्कूल और जागृति प्राइमरी स्कूल इसके जीते जागते उदाहरण हैं।आज सेरवो की अध्यक्षा श्रीमती प्रिया प्रधान ने जागृति प्राइमरी स्कूल का उद्घाटन किया और मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि जागृति प्राइमरी स्कूल पूर्ण रूप से उन बच्चों को एडमिशन में वरीयता देता है जो महंगे स्कूलों के फीस का वहन नहीं कर पाते हैं।उन्होंने आगे कहा कि हर माता पिता की दिली चाहत होती है कि उनका बच्चा ऐसे स्कूल में पढ़े जहाँ हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो।इस विद्यालय में रेलवे के बच्चों के अलावा बाहरी बच्चे भी दाखिला ले सकते हैं।उन्हें इस तरह से हमारे शिक्षक तैयार करते हैं कि आगे चलकर वे अच्छे स्कूलों में दाखिला ले सकें।।इस स्कूल में बच्चों के खेल के विशाल मैदान,खेल के लिए आधुनिक सुविधाएं, ट्रेंड क्वालिफाइड टीचर, विशाल हवादार कमरे, कमरों में उच्च कोटि के फर्नीचर,रोशनी की सुविधा, साफ सफाई के लिए कर्मचारी,स्कूल का विशाल प्रांगण अर्थात महँगे से महँगे स्कूलों को टक्कर देता यह स्कूल सेरवो द्वारा संचालित है।खड़गपुर रेल मंडल प्रवंधक मनोरंजन प्रधान ने कहा कि वे सेरवो के इस प्रयास की भूरी भूरी प्रशंसा करते हैं।सेरवो ने जो भी मदद मांगी, उसे पूरा करने का हमने प्रयास किया है।जागृति लाना सेरवो का प्रयास रहा है।जागृति प्राइमरी स्कूल इसका जीता जागता उदाहरण है।
बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा प्रबंधन, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद, एवं निर्देशों की उत्तमता; संरचित अध्यापन एवं सीखने पर ज़ोर देने वाली गतिविधियों के दृष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्व है। इसके लिये छात्रों एवं अध्यापकों की कक्षा कक्ष में नियमित उपस्थिति पूर्वप्रतिबंध है। आईसीटी समर्थित शिक्षण और अधिगम के संदर्भ में सीखने की प्रक्रिया के परिणामों में स्पष्ट रूप से प्रत्येक कक्षा और प्रत्येक विषय के लिए संभावित शिक्षण परिणामों पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ताकि यह शिक्षकों, विद्यालय प्रमुखों के द्वारा आसानी से समझा जा सके और इसे माता-पिता और समुदाय के बीच व्यापक रूप से प्रचारित किया जा सके।
इस विद्यालय में समझ के साथ पठन के लिए अध्ययन के महत्व पर बल देने के प्रारूप के साथ वर्ष 2014 में सरकार के द्वारा शुभारंभ किए गए पढ़े भारत बढ़े भारत हेतु मजबूत बुनियाद की आवश्यकता को स्वीकार किया गया है।
यहाँएक तैयार पर्यावरण के भीतर मुक्त गतिविधि को प्रोत्साहित किया जात है, अर्थात मानव विशेषताओं के आधार पर एक शैक्षिक वातावरण, अलग अलग उम्र में बच्चों के विशिष्ट विशेषताओं के लिए और प्रत्येक बच्चे के स्वयं के व्यक्तित्व के लिए। पर्यावरण का यह काम है कि वह बच्चे को अपने या उसके भीतर मनोवैज्ञानिक निर्देशों के अनुसार सभी क्षेत्रों में स्वतंत्रता को विकसित करने की अनुमति दे। बच्चों की उपयुक्त उम्र के अनुसार सामग्री उपयोग की पेशकश के अलावा , पर्यावरण की विशेषता पर भी बल दिया जाएगा।उपस्थित अविभावक ने कहा कि वे सेरवो अध्यक्षा के इस प्रयास की सराहना करते हैं।पश्चिम बंगाल प्रदेश सवांददाता दीपक शर्मा एवं डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज अजय चौधरी की रिपोर्ट।