राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से गरीब और अल्प आयवर्ग के परिवारों को घर-घर राशन पहुंचाने का काम किया गया, किन्तु यह जानकर आपको आश्चर्य होगा चित्तौड़गढ़ में विभागीय समन्वय की कमी के चलते 229 क्विंटल चीनी सड़ गई और अब उसको नष्ट करने की तैयारी की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चित्तौड़गढ़ जिले के लिए 229 क्विंटल चीनी का आवंटन किया गया था। यह चीनी श्री गणेश खंड उद्योग सहकारी मंडली लिमिटेड तहसील वालिया जिला भरूच से मिली थी। जो केवीएस के रोडवेज बस स्टैण्ड के सामने वाले गोदाम, विकास कॉपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी कपासन तथा केय्र विक्रय सहकारी समिति बेगूं तथा निम्बाहेड़ा में रखी है। यह चीनी लाभार्थियों तक पहुंचाने की बजाय क्रय-विक्रय सहकारी समिति के गोदामों में ही सड़ गई। जिसको लेकर जिम्मेदार विभाग और अधिकारियों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई और अब उसके निस्तारण के प्रयास जारी हैं। केंद्र सरकार के चीनी निदेशालय ने जहां इसके निस्तारण के लिए इसकी नीलामी किए जाने का सुझाव दिया है, वहीं स्थानीय स्तर पर इसे जमीन में गाड़कर नष्ट करने पर भी विचार किया जा रहा है। चीनी निदेशालय का कहना है कि इस चीनी को उद्योगों के लिए नीलाम किया जा सकता है। खाद्य निगम ने इस चीनी के निस्तारण के लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित की, जिसमें रसद विभाग, खाद्य आपूर्ति निगम, जिला प्रशासन और जिला स्तरीय वित्त विभाग के कार्मिक को बतौर सदस्य बनाने को कहा गया था।देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 9982499848
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