*मप्र में गायो पर हो रही राजनीति से कोई भी अनजान नही है, हर सरकार गौसेवा और गौरक्षा कि बड़ी बड़ी बाते करती ह
मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के खाचरोद तहसील में मप्र में गायो पर हो रही राजनीति से कोई भी अनजान नही है, हर सरकार गौसेवा और गौरक्षा कि बड़ी बड़ी बाते करती है, सड़कों पर घुमती अवारा गायो को सरक्षण के लिए गौशालाएं बनवाई जा रही है लेकिन वहा के हालात से प्रशासन जानकर भी अनजान है. ऐसी ही हालात हम आपको बता रहे है, जीसे देखकर हरकोई दुखी है...
खाचरौद मुख्यालय से नो किमी दुर राजा विक्रमादित्य की जन्म स्थली पर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार मे गौशाला बनवाई थी जहा 100 गायों का रखरखाव होता था लेकिन आज यहा मात्र 75 गाये है वो भी भुखमरी और बिमारी से मरणासन अवस्था में है, जीनकी हालात बद से बदत्तर हो रही है खाने को समय पर सुखला भुसा की व्यवस्था नहीं होने से भुखी गायों के शरीर की हड्डीयां बाहर नीकल आई.
गौशाला में सीमेंट कंक्रीट से बना फर्स चीकना होने पर गायो के पैर फिसलने से गीर जाती जीससे शरीर में आंतरिक और बाहरी चोटे लगती है जीनके ईलाज के लिए समय पर पशु चिकित्सक नही मीलने से और
बिमार होने से भी मोत का कारण है. जैसा चोकीदार ने मिडिया में ग्रामीणजन के सामने बताया.
ग्रामीणजनों में पंचायत की कार्यशैली से काफी आक्रोश है ग्रामीणों ने मिडिया को बुलाकर गौशाला की स्थति बया करी, और कहा है कि यदि शासन प्रशासन से गौशाला संचालित नही होती है तो गायो को खुला छोड़ देना चाहिए या गाँव की समिति बना कर गौशालाएं संचालित करवाना चाहिए, अन्यथा रोज यहा पर गायों के मरने का शीलसीला चलता रहेगा.