राजस्थान उदयपुर पुलिस के खौफ से अपराधियों में भय नहीं, लेकिन आम आदमी अवश्य भयभीत है। कभी—कभी इसी खौफ से आम आदमी की जान पर भी बन जाती है। ऐसा ही एक उदाहरण उदयपुर के निकट देलवाड़ा क्षेत्र में देखने को मिला, जब उदयपुर पुलिस एक ढाबे पर अपराधियों की सूचना पर दबिश के लिए पहुंची।हुआ यूं कि सुखेर थाना पुलिस को देलवाड़ा क्षेत्र के एक ढाबे पर रविवार रात कुछ अपराधियों के होने की सूचना मिली। जिस पर वह उन्हें पकड़ने पहुंची। पुलिस ने वहां अचानक दबिश दी, लेकिन अपराधियों को दबोचने में वह सफल नहीं हो पाई लेकिन वहां बैठे दूसरे लोग भी पुलिस के खौफ से भागने लगे। जिसमें उदयपुर के हिरणमगरी सेक्टर तीन का नाथू मेनारिया (25) भी शामिल था और वह कुएं में जा गिरा। उसके लापता होने की सूचना और घटनाक्रम की जानकारी नाथू के मित्रों के जरिए परिजनों को मिली तो वह उसकी तलाश में जुट गए।48 घंटे की मशक्कत के बाद नाथू का शव उसी ढाबे के कुछ दूरी पर बने एक कुएं से मंगलवार को बरामद हुआ। नाथू के परिजनों ने उसकी मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए मुआवजे की मांग की। उसके परिजनों का कहना है कि नाथू रविवार को अपने रिश्तेदारों के यहां रात्रि जागरण के लिए गया था। जागरण के बाद नाथू अपने कुछ साथियों के साथ ढाबे पर चाय पीने पहुंचा। जहां पुलिस की टीम दबिश देकर युवकों को पकड़ने लगी।अचानक पुलिस की टीम को देख नाथू और उसके साथी भी मौके से भागे। इस दौरान कुएं में गिरने से नाथू की मौत हो गई। नाथू घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने हिरणमगरी थाने में उसके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज करा दी थी। नाथू के परिजनों का कहना है कि वह घर में इकलौता कमाऊ व्यक्ति था और उसकी मौत के बाद परिवार के समक्ष रोजी—रोटी का संकट गहरा जाएगा। उन्होंने इस मामले में लापरवाह पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ परिवार को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की, ताकि उसके परिवार को गुजर—बसर हो सके। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक महेंद्र पारीक कर रहे हैं। गौरतलब है कि नाथू पेशे से फोटोग्राफर था।
देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 151113047